सलीम कासिम और मशकूर मुन्ना को कोर्ट से राहत
जागरण संवाददाता रामपुर सांसद आजम खां के करीबियों को अदालत से राहत मिलने लगी है। धमकाने के एक मुकदमे में डीसीबी (जिला सहकारी बैंक) के पूर्व चेयरमैन सलीम कासिम ने अदालत में आत्मसमर्पण किया और जमानत की अर्जी लगाई।
जागरण संवाददाता, रामपुर : मुकदमों में फंसे सांसद आजम खां के करीबियों को अदालत से राहत मिलने लगी है। धमकाने के एक मुकदमे में डीसीबी (जिला सहकारी बैंक) के पूर्व चेयरमैन सलीम कासिम ने अदालत में आत्मसमर्पण किया और जमानत की अर्जी लगाई। अदालत ने उनकी जमानत अर्जी मंजूर कर ली। दूसरी ओर सरकारी जमीन पर कब्जे के मुकदमे में जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष मशकूर अहमद मुन्ना और उनके भाई पूर्व ब्लाक प्रमुख मसरूर अहमद की अग्रिम जमानत अर्जी भी अदालत ने मंजूर कर ली है।
डीसीबी के पूर्व चेयरमैन के खिलाफ करीब दो माह पहले जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अब्दुल सलाम ने सिविल लाइंस कोतवाली में मुकदमा कराया था। आरोप लगाया था कि जौहर यूनिवर्सिटी में आलियागंज गांव के जिन किसानों की जमीनें कब्जाई गई हैं, उनकी पैरवी करने पर डीसीबी के पूर्व चेयरमैन ने उन्हें रोडवेज बस अड्डे के पास रास्ता रोककर धमकाया। बुधवार को डीसीबी के पूर्व चेयरमैन ने मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के न्यायालय में आत्मसर्मपण किया। अपने अधिवक्ता नासिर सुल्तान के माध्यम से जमानत प्रार्थना पत्र दिया। अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने जमानत मंजूर कर ली है।
उधर, शहजादनगर थाने में पिछले दिनों मशकूर मुन्ना और उनके भाई मसरूर मुन्ना के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें एक मुकदमा सरकारी जमीन पर कब्जा करने का है, जबकि दूसरा मुकदमा पुलिस टीम पर हमला करने का है। दोनों ही मुकदमों में उन्होंने जिला जज के न्यायालय में अग्रिम जमानत की अर्जी लगाई थी। इनमें सरकारी जमीन पर कब्जे के मुकदमे में अदालत ने उनकी अग्रिम जमानत अर्जी मंजूर कर ली है, जबकि पुलिस पार्टी पर हमले के मुकदमे में अर्जी खारिज कर दी है।