रामपुर में साहब के घर में कोरोना
मुस्लेमीन रामपुर कोरोना से बचाव के लिए डीएम साहब ने लाख जतन किए।
मुस्लेमीन, रामपुर: कोरोना से बचाव के लिए डीएम साहब ने लाख जतन किए। शहर में साइकिल चलाई, मोटरसाइकिल चलाई। बाजारों में पैदल घूमे। लोगों को कोरोना से बचाव के उपाय बताए। लेकिन, इस सबके बावजूद कोरोना से अपना घर नहीं बचा पाए। साहब का घर ही नहीं, बल्कि दफ्तर भी कोरोना से महफूज नहीं रह सका। पहले दफ्तर के एक अफसर को चपेट में लिया और फिर कोठी के तीन कर्मचारियों को निशाना बनाया। इससे जिलेभर के साहब लोग बेचैन हैं। डीएम साहब ने तो घर पर मुलाकात बंद करने के साथ ही शिकायतें भी बाक्स में डलवाने का फरमान जारी कर दिया है। डीएम आवास पर डाक का काम देखने वाले कर्मचारियों को कोरोना हुआ, इसलिए तमाम कर्मचारियों में भी हड़कंप मचा है, जो इनके संपर्क में रहते थे। ये कर्मचारी दूसरे दफ्तरों में भी चिट्ठी पत्री लेकर जाते थे। इस कारण उन दफ्तरों के कर्मचारी भी हैरान और परेशान हैं।
नाक के नीचे पानी
नवाबों के शहर में आजकल झमाझम बारिश हो रही है। लेकिन, पानी की निकासी का माकूल इंतजाम नहीं हो पा रहा है। शहर की तो छोड़िए दफ्तरों के सामने भी पानी भरा है। कलेक्ट्रेट में जिले के तमाम बड़े अफसर बैठते हैं और यहां भी बारिश का पानी भर जाता है। पहले यह पानी सामने की सड़क पर भरता है और फिर कलेक्ट्रेट में आ जाता है। समस्या जानते हुए भी अफसर समाधान नहीं करा पा रहे हैं। इस पानी से होकर जो भी गुजरता है वह यही सोचता है कि अधिकारी इस समस्या को दूर क्यों नहीं करा पा रहे हैं। इस पानी की निकासी में अवरोध बने निर्माण को क्यों नहीं तोड़ा जा रहा है। आखिर कोई तो वजह है जो तेज तर्रार अफसर भी इस समस्या के आगे लाचार हैं। लोग कह रहे हैं कि अफसरों की नाक के नीचे पानी और ढूंढ नहीं पा रहे परेशानी।
फिर नप गए वर्दी वाले
जिले की एक मलाईदार चौकी पर तैनात वर्दी वाले एक बार फिर नप गए। चंद रोज पहले ही यहां इंचार्ज की तैनाती हुई थी। लेकिन, तैनाती के साथ ही उनकी शिकायतें भी मिलने लगीं। दरअसल इस चौकी के इलाके में बड़े पैमाने पर खनन का धंधा होता है। धंधेबाज कई बार राजस्व टीम पर भी हमला कर चुके हैं। उनके खिलाफ कार्रवाई भी हुई, फिर भी यह धंधा बदस्तूर जारी है। वर्दी वालों की शिकायत कप्तान तक पहुंची तो जांच बैठा दी। जांच में आरोप सही पाए जाने पर कप्तान ने इंचार्ज के साथ ही उनके चहेतों को भी हटा दिया। इस तरह ये वर्दी वाले चंद रोज ही मलाई खा पाए। इस इलाके पर कप्तान खुद भी नजर बनाए रखते हैं। धंधेबाजों से वर्दी वालों की साठगांठ की भनक लगती है तो एक्शन में आ जाते हैं। पहले दो कोतवाल और दो चौकी प्रभारियों को भी हटा चुके हैं।
पीछा नहीं छोड़ रहीं शिकायतें
दुनियाभर में मशहूर लाइब्रेरी में तैनात रहे अफसर का शिकायतें पीछा नहीं छोड़ रही हैं। चंद माह पहले उनकी यहां से विदाई भी हो गई। वह जब यहां तैनात थे, तब भी उनके बारे में शिकवा शिकायतें होती रहीं। उनके यहां से जाने के बाद भी शिकायतें और जांच उनका पीछा नहीं छोड़ रही हैं। जाते-जाते एक कर्मचारी की भी नियुक्ति कर गए। इसकी भी शिकायत हो गई और मामला कोर्ट तक पहुंच गया। इसकी जांच भी चल रही है। कर्मचारी को वेतन भी नहीं मिल पा रहा है। वह बिना वेतन के ही काम कर रही हैं। अफसर पर विदाई के समय कुछ सरकारी सामान ले जाने के भी आरोप लग रहे हैं। इसकी भी जांच हो रही है। इससे साहब के चेले भी परेशान हैं। उनके साथ ही चेले की भी जांच चल रही है। इन जांचों से बचने के लिए नेताओं का भी सहारा ले रहे हैं।