रामपुर का अजब मामला, जिस अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट पर युवक ने जेल की सजा काटी, वह फर्जी निकली
Rampur Strange Case उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद में एक अजीबो-गरीब मामला आया है। जिस अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट की वजह से पति को जेल काटनी पड़ी थी। वह रिपोर्ट फर्जी निकली।जन सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगने पर हुए राजफाश।
जागरण संवाददाता, रामपुर। Rampur Strange Case : उत्तर प्रदेश के रामपुर जनपद में एक अजीबो-गरीब मामला आया है। जिस अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट की वजह से पति को जेल काटनी पड़ी थी। वह रिपोर्ट फर्जी निकली। जेल से आने के बाद पति ने जब डायग्नोस्टिक सेंटर से तीन बार जन सूचना अधिकार के तहत जानकारी मांगी तब इसका राजफाश हुआ।
कोर्ट ने पत्नी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के दिए आदेश
कोर्ट ने इसके बाद युवक की पत्नी, अस्पताल संचालक समेत चार लोगों पर प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया है। इधर, पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर आरोपितों की तलाश शुरू कर दी है। यह अजब मामला रामपुर जनपद के भोट थाना क्षेत्र के कजरियाई गांव का है।
पत्नी ने मारपीट में दो माह के गर्भपात की दर्ज कराई थी रिपोर्ट
कजरियाई गांव निवासी शरीफ अहमद की पत्नी रेहाना ने पति, सास-ससुर, ननद व देवर के खिलाफ मारपीट करने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी। उसने कोर्ट में दो माह की गर्भवती होने की अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट भी दाखिल की। साथ ही बताया कि पेट में चोट लगने से बच्चे की मृत्यु हो गई।
पति एक सप्ताह तक रहा था जेल में
इस पर शरीफ को सप्ताहभर के लिए जेल जाना पड़ा, उसके अन्य स्वजन को थाने से जमानत करानी पड़ी। जेल से आने के बाद शरीफ ने सूचना अधिकार अधिनियम के तहत अल्ट्रा साउंड सेंटर से सूचना मांगी तो पता चला कि अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट फर्जी थी।
पत्नी शादी के 15 दिन बाद ही चली गई थी मायके
उसने कोर्ट में प्रार्थनापत्र देकर कहा कि उसका दहेज रहित विवाह करीब दो वर्ष पूर्व लाकडाउन में स्वार थाना क्षेत्र के गांव की युवती से हुआ था। शादी के 15 दिन बाद उसकी पत्नी मायके चली गई थी। कुछ दिनों बाद वह अपनी पत्नी को बुलाने गया तो उसके साले ने तबीयत खराब होने का बहाना बनाकर टाल दिया।
साले ने जीजा से मांगे तीन लाख रुपये
बाद में महिला थाने से जानकारी मिली की उसकी पत्नी ने उसके तथा स्वजन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है। उसने मामले की जानकारी ली तो उसके साले परवेज से तीन लाख रुपये की मांग की। उसने रिपोर्ट को फर्जी बताकर तीन ससुरालीजन व अस्पताल संचालक के खिलाफ प्रा्थमिकी दर्ज कराने की मांग की।
दो बार में दी अलग-अलग सूचना
शरीफ को पहली सूचना पर जवाब नहीं मिला तो उसने पुन: सूचना मांग ली। इसमें दो माह का गर्भ गिरा हुआ दर्शाया गया। पीड़ित ने नौ माह बाद की दूसरी जनसूचना मांगी। इसमें 33 सप्ताह चार दिन का जीवित बच्चे का वजन 2.235 किलोग्राम दर्शाया गया तथा रिपोर्ट में पता भी गलत दिखाया गया था।
पति को फंसाने के लिए बनवाई गई थी फर्जी रिपोर्ट
इससे सिद्ध हुआ कि पति को फंसाने के लिए आरोपितों ने अस्पताल संचालक से मिलकर फर्जी अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट बनवाई थी। अपर पुलिस अधीक्षक संसार सिंह ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। आरोपितों की तलाश की जा रही है। मामले की निष्पक्ष विवेचना की जाएगी।