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रामपुर में भी रेन हार्वेस्टिग सिस्टम अपना रहे लोग

बारिश का पानी संरक्षित करने के लिए रामपुर में भी लोग रेन हार्वेस्टिग सिस्टम अपना रहे हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 16 Jul 2020 04:48 PM (IST)Updated: Thu, 16 Jul 2020 05:33 PM (IST)
रामपुर में भी रेन हार्वेस्टिग सिस्टम अपना रहे लोग

जागरण संवाददाता, रामपुर : बारिश का पानी संरक्षित करने के लिए रामपुर में भी लोग रेन हार्वेस्टिग सिस्टम अपना रहे हैं। सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार जनपद में इसका प्रयोग कई स्थानों पर किया जा रहा है। नगर में कई सरकारी व फैक्ट्रियों में भी इस प्रणाली का उपयोग किया जा रहा है। बारिश का अधिकांश जल यू ही नालियों में बह कर बर्बाद हो जाता है। इससे भू-जल रिचार्ज नहीं हो पाता। इस कारण भू-जल स्तर नीचे जा रहा है। जल है तो कल है, इस सोच के साथ सरकार ने जल संरक्षण की दिशा में पहल की। इसके तहत वर्षा के जल की बर्बादी रोकने के लिए सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगाने की योजना बनाई। जनता से भी मकानों की छतों पर इसका उपयोग करने को कहा गया है। जिससे बरसात के जल का संचयन हो सके, जिससे भविष्य में जल संकट की स्थिति से दो-चार न होना पड़े।क्या है रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम बारिश के पानी को जमीन के अंदर पहुंचाने या फिर सहज कर रखने की प्रक्रिया को हार्वेस्टिग सिस्टम कहते हैं। मोटे तौर पर इसके लिए दो अपनाई जाती हैं। पहली और दूसरी टॉप रेन हार्वेस्टिग। रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम में इमारतों की छतों पर इसे लगाना होता है। जलसंकट की स्थिति से निपटने के लिए ही इसकी तैयारी की जा रही है। ताकि वर्षा के जल को स्वच्छ तरीके से जमा कर उन स्थलों के भू-जलस्तर को रिचार्ज किया जा सके। कैसा बनता है यह सिस्टम इसके लिए बनाए गए रिचार्ज का व्यास छह फीट एवं छह फीट गहरा ईंट का कार्य किया जाता है। रिचार्ज में वर्षा जल को फिल्टर करने के लिए ग्रेवल के का उपयोग तीन फीट गहराई में किया जाता है। इसके अलावा जल को छत से रिचार्ज तक पहुंचाने के लिए पीवीसी पाइप लगाया जाता है। यहां-यहां लगा है यह सिस्टम सरकारी भवनों की बात करें तो विकास भवन में रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम को लगवाया गया है। यहां पर यह बखूबी काम कर रहा है। इसके अलावा जिला अस्पताल में इस सिस्टम का उपयोग किया जा रहा है। इसके साथ ही खेतान फैक्ट्री में स्तर पर यह सिस्टम लगा है। जिसके द्वारा बरसात का जल मात्रा में भूमि के अंदर संग्रहीत किया जाता है।

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निदेशक केपी सिंह के अनुसार उन्होंने परिसर में इस सिस्टम का निर्माण करवाया है। यह बहुत जरूरी भी है। जिन लोगों के मकानों की छतों पर पर्याप्त स्पेस है, उन्हें हर हालत में इसे लगाना चाहिए। कारोबारी गुप्ता ने भी अपने आवास पर रेन वाटर हार्वेस्टिग सिस्टम लगवाया है। वह भी कहते हैं जल को बचाना आज की जरूरत है। यह काम सबको करना चाहिए।


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