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केबिन में बैठकर बटन से बदले जा सकेंगे ट्रेन के सिग्नल

रामपुर : रेल मंत्रालय यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देने के प्रति प्रयासरत है। ट्रेनों का

By JagranEdited By: Published: Sat, 16 Jun 2018 10:54 PM (IST)Updated: Sat, 16 Jun 2018 10:54 PM (IST)
केबिन में बैठकर बटन से बदले जा सकेंगे ट्रेन के सिग्नल
केबिन में बैठकर बटन से बदले जा सकेंगे ट्रेन के सिग्नल

रामपुर : रेल मंत्रालय यात्रियों को अधिक से अधिक सुविधा देने के प्रति प्रयासरत है। ट्रेनों का संचालन समय पर हो सके, उसके लिए रेलवे द्वारा आधुनिक तकनीक अपनाई जा रही है। इसी क्रम में अब रामपुर रेलवे स्टेशन सिग्नल की पुरानी व्यवस्था को बदलकर जल्द ही कम्प्यूटराइज्ड आरआरआई सिस्टम यानि रुट रिले इंटरलॉ¨कग सिस्टम को लागू करने जा रहा है।

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रेलवे अपने पुराने सिगनल सिस्टम को धीरे धीरे बदल रहा हैं। इसके स्थान पर अब रामपुर समेत अन्य स्टेशनों पर कम्प्यूटराइज्ड रूट रिले इंटरलॉ¨कग सिस्टम लगाए जाएंगे। आरआरआइ सिस्टम को लगाने के लिए स्टेशन पर एक नई बि¨ल्डग का निर्माण कार्य किया जा रहा है। बि¨ल्डग का निर्माण होते ही कम्प्यूटराइज्ड आरआरआइ सिस्टम को लगा दिया जाएगा। आरआरआइ सिस्टम लगते ही स्टेशन के दोनों तरफ के केबिनों का काम भी समाप्त हो जाएगा। इनका संचालन सीधे स्टेशन मास्टर द्वारा कराया जाएगा। सिस्टम फेल होने पर अधिकारी आफिस में बैठकर आन लाइन भी ट्रेनों का संचालन कर पाएंगे।

रेलवे स्टेशन पर अभी भी कई सालों की पुरानी प्रणाली के तहत कार्य कर हो रहा था, जिसमें ट्रैक को एक दूसरे से जोड़ने के लिए मानव बल का प्रयोग किया जाता है, जिसमें एक लीवर की सहायता से ट्रैक को एक दूसरे से जोड़कर सिग्नल दिया जाता हैं। इस कार्य के लिए रेलवे को आठ कर्मचारियों की आवश्यकता पड़ती है। क्या है आरआरआइ सिस्टम यह पूर्ण रूप से कम्प्यूटराइज्ड और पूरी तरह से इलेक्ट्रोनिक सिस्टम पर कार्य करता है। कमरे में बैठ कर अधिकारी इसको संचालित कर सकते हैं, जिसमें एक बटन दबाने मात्र से यह मशीनरी आटोमैटिक तरीके से काम करती है। इससे रेलवे ट्रैक दूसरे से जुड़कर सिग्नल देते हैं। नए सिस्टम से ट्रेन को सिग्नल देने में कोई परेशानी नहीं होगी। पहले सिग्नल देने में समय लगता था, लेकिन आरआरआइ सिस्टम से कुछ ही सेकेंड में ¨सगल हो जाता है। इससे रेल गाड़ी समय मे प्लेटफार्म में आने और जाने में समय की बचत होगी। इस प्रणाली से ट्रेनों की सुरक्षा भी पहले के मुकाबले बढ़ जाएगी।

नए सिस्टम से 10 से 15 मिनट पहले ट्रैक पर ट्रेन लगने की स्थिति का पता चल जाएगा। एक बार किसी ट्रेन को लाइन देने के बाद इसे दुबारा बदलना संभव नहीं होगा। इससे ट्रेन दुर्घटनाओं की आशंका समाप्त हो जाएगी और यात्री सुरक्षित सफर कर सकेंगे। रेलवे स्टेशन अधीक्षक आरडी मीणा का कहना है कि रेलवे द्वारा अब सभी छोटे बड़े स्टेशनों पर आरआरआइ सिस्टम लगाए जा रहे हैं। जिससे रेलवे कम समय में सुरक्षा पूर्ण तरीके से कार्य कर सके। बि¨ल्डग बनते ही आरआरआइ सिस्टम लगा दिया जाएगा।


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