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गोदान के जरिये दूर कर रहे किसानों की गरीबी

रामपुर प्रत्येक धर्म में दान का खास महत्व माना गया है। तमाम लोग अपने जीवन के दोष दूर करने के लिए गोदान करते हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 21 Jul 2021 11:02 PM (IST)Updated: Wed, 21 Jul 2021 11:02 PM (IST)
गोदान के जरिये दूर कर रहे किसानों की गरीबी

रामपुर : प्रत्येक धर्म में दान का खास महत्व माना गया है। तमाम लोग अपने जीवन के दोष दूर करने के लिए दान करते हैं। इसमें कहीं न कहीं हमारा स्वार्थ छिपा होता है। लेकिन, शहर के मुहल्ला पुराना गंज में रहने वाले विजय अग्रवाल निस्वार्थ भाव से गाय दान कर रहे हैं। उनका दान ऐसा है, जो गरीब किसानों के जीवन भर का सहारा बन गया है। वह भूमिहीन और गरीब किसानों को देशी गायों का दान करते हैं। इसके पीछे उनका मकसद सिर्फ गोवंश को बढ़ाना है। गायों के दान से उनका मकसद तो पूरा हो ही रहा है, साथ ही गरीब किसानों के परिवार की आय भी बढ़ रही है। उनके इस नेक कार्य से किसान के बच्चों को पीने के लिए भरपेट दूध मिल रहा है। इसके अलावा दूध, घी, गोबर के उपले आदि बेचकर उसे अतिरिक्त आय होती है। अब तक 42 गायों का कर चुके दान

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विजय अग्रवाल बताते हैं कि उनका सराफा कारोबार है, जिसे अब बेटे संभालते हैं। कारोबार से मुक्त होने के बाद उनकी इच्छा समाज के लिए कुछ करने की होने लगी। लेकिन, समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें। काफी विचार किया। तब उन्होंने वर्ष 2017 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के गायों के प्रति प्रेम से प्रभावित होकर गोदान का फैसला लिया। इसके लिए प्राकृतिक संसाधनों का ट्रस्ट नाम से संस्था बनाई। उनके इस कार्य को देखते हुए दूसरे लोग भी संस्था से जुड़ने लगे। लेकिन, उन्होंने किसी से आर्थिक सहयोग नहीं लिया। अगर कोई गाय दान करने की इच्छा जताता है तो उसका मान रखने के लिए थोड़ा अंशदान लेते हैं और बाकी अपने पास से ही खर्च करते हैं। दान करते समय अंशदान करने वाले को भी बुला लेते हैं। अब तक 42 गायों का दान कर चुके हैं। कोरोना काल में गोदान का सिलसिला थम गया है। इसी साल अप्रैल माह में टांडा तहसील के ग्राम अहमदनगर कला गांव के किसान हरपाल और शकील को एक-एक गाय दान दी थी। दान की गाय से परिवार में आई खुशियां

विजय अग्रवाल बताते हैं कि जिन लोगों को गाय दान करते हैं, तब गाय के कान पर अपनी संस्था का टैग लगा देते हैं। समय-समय पर उसे देखने किसान के यहां भी जाते हैं। सभी किसान गाय पालकर खुश हैं। चार साल पहले सैदनगर ब्लाक के नौरंगपुर गांव निवासी जसवंत सिंह को साहिवाल नस्ल की गाय दी थी। अब तक इस गाय से दो बछड़े हो चुके हैं, जिन्हें बेचकर उसने करीब 20 हजार रुपये की आमदनी कर ली। गंज क्षेत्र के सैजनी नानकार गांव की रामप्यारी पत्नी रामपाल को भी चार साल पहले गाय दी थी। उस गाय से दो बछिया और हो गई हैं। अब उसे दूध बेचकर करीब 10 हजार रुपये की आमदनी हो रही है।


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