आजम और अमर सिंह मामले में डेढ़ साल बाद किसी नतीजे पर नहीं पहुंची पुलिस Rampur News
रिपोर्ट न होने पर उन्होंने प्रदेश के तत्कालीन पुलिस महानिदेशक ओपी ङ्क्षसह की कार्यशैली पर ही सवालिया निशान लगाए थेे। पिछले माह ओपी ङ्क्षसह सेवानिवृत हो गए ।
जेएनएन,रामपुर। राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने करीब डेढ़ साल पहले लखनऊ में सांसद आजम खां के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, जिसमें लखनऊ पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। न चार्जशीट लगाई और न ही फाइनल रिपोर्ट। अब लखनऊ पुलिस ने मुकदमा रामपुर स्थानांतरित कर दिया है।
राज्यसभा सदस्य को यह मुकदमा दर्ज कराने के लिए भी बड़ी मशक्कत करनी पड़ी थी। पुलिस उनका मुकदमा दर्ज नहीं कर रही थी, तब उन्होंने दिल्ली से लखनऊ तक यात्रा निकाली। इसके बाद लखनऊ के गोमती नगर थाने में रिपोर्ट लिखी गई।अब पुलिस ने कोई जांच पड़ताल किए बगैर मुकदमा रामपुर स्थानांतरित कर दिया। अब इस मामले में अजीमनगर थाने की पुलिस जांच पड़ताल करेगी।
पुलिस अधीक्षक शगुन गौतम का कहना है कि घटना स्थल जौहर यूनिवर्सिटी के अंदर का बताया जा रहा है। अब रामपुर पुलिस विवेचना करेगी। जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसी के अनुरूप कार्रवाई की जाएगी।
यह है मामला
सांसद आजम खां और सपा के पूर्व नेता अमर ङ्क्षसह के बीच छत्तीस का आंकड़ा है। अक्टूबर 2018 में में लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दर्ज मुकदमे में कहा कि आजम खां ने 23 अगस्त 2018 को एक न्यूज चैनल को इंटरव्यू दिया था, जिसमें अमर ङ्क्षसह के संबंध में सवाल पूछने पर आजम खां ने जवाब दिया था कि जिस दिन अमर ङ्क्षसह और इन जैसों को, इनके परिवार सहित मार दिया जाएगा। इनकी बहू बेटियों को तेजाब से गलाया जाएगा, तभी मुज्जफरनगर और गुजरात जैसे दंगे नहीं होंगे। पहले यह मामला नोएडा पुलिस को भेजने की बात भी सामने आई थी।