अनिल हत्याकांड का पर्दाफाश, पत्नी और साढ़ू गिरफ्तार
अनिल हत्याकांड का पर्दाफाश पत्नी और साढ़ू गिरफ्तार
जागरण संवाददाता, मिलक : पुलिस ने अनिल हत्याकांड का पर्दाफाश कर दिया है। हत्या का आरोप उसकी पत्नी और साढ़ू पर लगा है। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के मुताबिक अवैध संबंधों में बाधक बनने पर दोनों ने उसे रास्ते से हटाया था।
पुलिस को पहली फरवरी को रौरा कलां गांव के पास रेलवे ट्रैक पर क्षत-विक्षत हालत में शव मिला था, जिसकी पहचान परम गांव के अनिल के रूप में हुई थी। परिजनों ने हत्या का अंदेशा जताया था, लेकिन पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज नहीं की थी। गुरुवार को अनिल के पिता की तहरीर पर पुलिस ने हत्या का मुकदमा दर्ज किया। मुकदमे में मृतक की पत्नी भागवती और साढ़ू नंदलाल को नामजद किया गया। दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर शुक्रवार को मीडिया के सामने लाया गया। सीओ मिलक अशोक कुमार पांडेय ने बताया कि हत्या अवैध संबंधों को लेकर की है। मृतक का साढ़ू निवासी गांव टिटोली, बरेली रुद्रपुर की किसी फैक्ट्री में मजदूरी करता था। छह माह पहले उसकी पत्नी की मृत्यु हो गई थी। कुछ समय से वह अनिल के घर आने-जाने लगा था। अपनी साली से उसके संबंध हो गए। साली की अनिल से अक्सर घरेलू बातों के लेकर कहासुनी होती रहती थी। वह इन बातों का जिक्र पति की गैर मौजूदगी में जीजा नंदलाल से करने लगी। तब दोनों ने मिलकर अनिल को ठिकाने लगाने का षड्यंत्र रचा। साढ़ू ने 31 जनवरी की रात उसे शराब पिलाने कस्बा बुलाया। अनिल को ज्यादा शराब पिला दी।
इसके बाद बहाने से उसे रौरा कलां जाने वाले रास्ते पर ले गया। वहां रेलवे लाइन के पास बैठकर उसे बातों में लगाए रखा। कुद देर बाद ट्रेन आने पर अनिल को रेलवे लाइन पर धक्का दे दिया। ट्रेन से टकराकर अनिल की मौत हो गई। इस दौरान साढ़ू के हाथ में भी चोट लग गई। काम होने के बाद उसने साली को फोन पर जानकारी दी। सीओ ने बताया कि दोनों हत्यारोपितों को कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया है। बंद मोबाइल ने खोला हत्या का राज
अनिल की हत्या का षड्यंत्र रचने वाले उसके साढ़ू ने 14 जनवरी को बरेली से दो नए सिम खरीदी थे। एक सिम अपनी साली को दे दिया था। इन सिम नंबरों के जरिए दोनों एक-दूसरे से संपर्क बनाए हुए थे। अनिल की हत्या के बाद साढ़ू ने फोन से साली को इसकी जानकारी दी थी और इसके बाद से दोनों ने मोबाइल बंद कर लिए थे। दोनों के बंद मोबाइल से पुलिस को शक हुआ और फिर पुलिस ने दोनों नंबरों की कॉल डिटेल निकाली तो असलियत सामने आ गई। इस हत्याकांड का पर्दाफाश करने वाली टीम में कोतवाली प्रभारी एसएसआइ बृजेश कुमार सिंह, उप निरीक्षक विनोद कुमार आनंद, राजेश कुमार, कांस्टेबिल जाकिर हुसैन, प्रदीप कुमार, महिला कांस्टेबिल उषा भारती आदि शामिल रहीं।