ब्रिटिश लाइब्रेरी में महफूज हैं रामपुर नवाब खानदान की आलीशान इमारतों की तस्वीरें Rampur News
नवाब खानदान रामपुर की ओर से बनवाई गई आलीशान इमारतें पूरे दुनिया के लोग देखते हैं। नायाब शैली में बने महल आज भी लोगों का ध्यान खींचते हैं।
रामपुर, जेएनएन। ब्रिटिश राज में रामपुर रियासत की शानो-शौकत और रुतबा कायम करने वाली इमारतों की एलबम लंदन की ब्रिटिश लाइब्रेरी में महफूज हैं। ये तस्वीरें भारत के वायसराय व गवर्नर जनरल रहे लॉर्ड कर्जन को नवाब हामिद अली ने भेंट की थीं। लॉर्ड कर्जन के फोटो कलेक्शन 'रामपुर एलबमÓ को संरक्षित कर ब्रिटिश लाइब्रेरी इन तस्वीरों को दुनिया के सामने पेश कर रही है।
आजादी से पहले रामपुर में नवाबों का राज रहा। 1774 से 1949 तक रामपुर मुस्लिम रियासत रही है। यहां नवाब फैजुल्ला खां, हाफिज रहमत खां, मोहम्मद अली खां, गुलाम मोहम्मद खां, अहमद अली खां, नसरुल्ला खां, मोहम्मद सईद खां, यूसुफ अली खां, कल्बे अली खां, मुश्ताक अली खां, हामिद अली खां और नवाब रजा अली खां का शासन रहा है।
देश में ब्रिटिश राज के बीच रामपुर एक विशाल रियासत बन गई थी। इस दौरान नवाबों ने अपना रुतबा जाहिर करने के लिए आलीशान महल और दीगर इमारतें तामीर कराई थीं। इनमें कुछ भव्य इमारतें अब या तो जमींदोज हो गईं या फिर जो बची हैं। वह देखभाल के अभाव में बदहाल हैं। लेकिन, सैकड़ों साल पहले बनी इन इमारतों की तस्वीरें लंदन में ब्रिटिश लाइब्रेरी के पास मौजूद हैं।
लाइब्रेरी की वेबसाइट पर मौजूद हैं तस्वीरें
नवाब खानदान के करीबी काशिफ खां ने बताया कि भारत के वायसराय व गवर्नर जनरल रहे लॉर्ड कर्जन को रामपुर के नवाब हामिद अली ने भेंट की थीं। लॉर्ड कर्जन के फोटो कलेक्शन 'रामपुर एलबमÓ को संरक्षित कर ब्रिटिश लाइब्रेरी इन तस्वीरों को दुनिया के सामने पेश कर रही है। यह नायाब तस्वीरें ब्रिटिश लाइब्रेरी की वेबसाइट पर मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि ब्रिटिश लाइब्रेरी में मौजूद फोटो में रामपुर की जामा मस्जिद और किले में बना इमामबाड़ा एक साथ नजर आ रहे हैं। नवाब स्टेशन, यूरोपियन गेस्ट हाउस, किले के अंतर तोशीखाना, महल सरायं, खुसरोबाग पैलेस, कोठी शाहबाद, फराशखाना, गौखाना, पुरानी तहसील, मोटर गैराज की ऐसी तस्वीरें भी हैं, जो पहले कम ही देखी गई हैं। किले के अंदर एक ही तस्वीर में रंग महल, हामिद मंजिल और मछली भवन का दुर्लभ दर्शन है।
नवेद ने लंदन जाकर देखी
रामपुर के आखिरी नवाब रजा अली खां के पौत्र पूर्व मंत्री नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां लंदन की ब्रिटिश लाइब्रेरी जाकर इन दुर्लभ चित्रों को देख चुके हैं। उन्होंने बताया कि रियासतकाल में आर्किटेक्ट डब्ल्यूसी राइट द्वारा बनवाई गई इमारतों की वास्तुकला इस्लामी, ङ्क्षहदू और गोथिक पुनरुद्धार के तत्वों का संश्लेषण करती है, जिसे इंडो-सरैसेनिक के रूप में जाना जाता है।