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बारिश से बर्बाद हुआ धान, लक्ष्य पूरा करना नहीं आसान

रामपुर जिले में दो दिन लगातार पड़ी बारिश ने जहां किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है वहीं खाद्य विभाग के अधिकारियों के माथे पर चिता की लकीरें खींच दी हैं। बारिश से किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई है। ऐसे में धान खरीद पर भी इसका असर पड़ा है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Oct 2021 11:54 PM (IST)Updated: Thu, 21 Oct 2021 11:54 PM (IST)
बारिश से बर्बाद हुआ धान, लक्ष्य पूरा करना नहीं आसान

रामपुर : जिले में दो दिन लगातार पड़ी बारिश ने जहां किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया है, वहीं खाद्य विभाग के अधिकारियों के माथे पर चिता की लकीरें खींच दी हैं। बारिश से किसानों की धान की फसल बर्बाद हो गई है। ऐसे में धान खरीद पर भी इसका असर पड़ा है। धान खरीद की रफ्तार धीमी हो गई है। 85 क्रय केंद्रों में चंद केंद्रों पर ही धान खरीद हो रही है। बाकी क्रय केंद्र सूने पड़े हैं। किसानों की फसल खेतों में ही भीगने से अब लक्ष्य पूरा करना आसान नहीं होगा।

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शासन से इस बार जिले के लिए करीब तीन लाख मीट्रिक टन धान खरीद का लक्ष्य मिला है, जो पिछले साल से ज्यादा है। पिछले साल 2.40 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य मिला था। इसके अलावा शासन ने तय किया है कि 17 फीसद से अधिक नमी वाले धान की खरीद नहीं की जाएगी। किसान एक दिन में 50 क्विटल धान ही क्रय केंद्र पर बेच सकेंगे। यह व्यवस्था सोमवार से गुरुवार तक रहेगी। हालांकि शुक्रवार और शनिवार को 50 क्विटल से ज्यादा धान बेचा जा सकेगा। यानी, सप्ताह में दो दिन किसान अपना पूरा धान बेच सकेगा। इन शर्ताें के साथ पहली अक्टूबर से खरीद शुरू की गई। अभी किसान फसल काट ही रहे थे कि बारिश आफत बनकर गिरी। करीब 70 फीसद फसल खेतों में ही थी, जो बारिश में भीगने से खराब हो गई है।

जिला खाद्य विपणन अधिकारी अनुपम निगम बताते हैं कि अभी खरीद की शुरुआत थी। 30 फीसद ही धान काटा गया था। बाकी खेतों में ही था। बारिश से धान गीला होने से खरीद पर असर पड़ा है। शासन को इससे अवगत कराया गया है। आगे जो भी शासन से आदेश मिलेगा, उसके मुताबिक खरीद करेंगे। फिलहाल खरीद चल रही है। बिलासपुर और मिलक मंडी के क्रय केंद्रों पर लगातार खरीद हो रही है। अब तक 1051 मीट्रिक टन खरीद की जा सकी है।


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