ओमकार का जाप करने से स्कंद माता होती हैं अत्यंत प्रसन्न : वासन्तेय
ओमकार का जाप करने से स्कंद माता होती हैं अत्यंत प्रसन्न वासन्तेय
जागरण संवाददाता, रामपुर : शक्तिपुरम कालोनी स्थित श्री त्रिपुरेश्वरी शक्ति पीठ में नवरात्र के पांचवें दिन स्कंद माता की वैदिक एवं तांत्रिक रूप में पूजा-अर्चना की गई। भक्तों ने श्री यंत्र का पूजन किया तथा पांचवें चक्र का शोधन किया।
महायोगी वासन्तेय ने नवरात्र के पांचवें दिन पंचमी तिथि के योगिक अर्थ के बारे में कहा कि यह आकाश तत्व की साधना है। इससे हमारे शरीर का चंद्र केंद्र, विशुद्ध चक्र स्वच्छ निर्मल होकर हमें निरंतर स्वस्थ और आनंदमय रखता है। पार्वती के दो पुत्र गणेश एवं कार्तिकेय सृष्टि के संचालक रहे। मां पार्वती षडानन माता के नाम से विख्यात हैं। विशुद्ध चक्र में हुंकार क्रिया के द्वारा कंठ को स्वस्थ किया जाता है। और नाद प्रकाश की लहरों के बीच षोडश स्वरों को आराधित किया जाता है, जो व्यक्ति कंठ का शोधन चाहता है। उसे निरंतर सुंदर निद्रा के लिए योग निद्रा करनी चाहिए तथा विशुद्धि चक्र पर (कंठ के बीच में) ध्यान करना चाहिए। इससे थायराइड आदि रोग नहीं होंगे। प्रणव का जाप (ओमकार जाप) करने से स्कंद माता अत्यंत प्रसन्न होती हैं और स्वस्थ सानंद रखती हैं। कंठ पर अनुगूंज के साथ ओंकार का जाप मुखरित होकर करने से निद्रा सहज में आ जाती है। सिघाडे का सेवन तथा फल, लेने से विशेष व्रत का समायोजन होता है। इसी के साथ ध्यान और मंत्रों का जाप कर साधकों ने यज्ञ किया। इस मौके पर रणवीर सिंह, सुभाष मदान, कैलाश मदान, प्रवीण गुप्ता, नीरज अग्रवाल, हरिओम लोधी, मदन लाल, उमेश अग्रवाल, दीपा सैनी आदि मौजूद रहे।