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लोकेश्वर नाथ मंदिर, पीडब्ल्यूडी कालोनी, रामपुर

मंदिर का महत्व - प्रत्येक सोमवार को गायत्री मां का दीप यज्ञ होता है, जिसमें काफी लोग शामिल

By JagranEdited By: Published: Thu, 22 Mar 2018 07:17 PM (IST)Updated: Thu, 22 Mar 2018 07:17 PM (IST)
लोकेश्वर नाथ मंदिर, पीडब्ल्यूडी कालोनी, रामपुर

मंदिर का महत्व -

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प्रत्येक सोमवार को गायत्री मां का दीप यज्ञ होता है, जिसमें काफी लोग शामिल होते है।

ऐसे पहुंचे मंदिर -

रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड से मंदिर की दूरी दो किलोमीटर है, जहां अपने वाहन यार् इ-रिक्शा से आसानी से पहुंच सकते हैं।

इतिहास -

महंत रुकुम ¨सह राठौर ने बताया कि सन 1970 में लोक निर्माण विभाग की डायमंड रोड स्थित कालोनी में लोकेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना हुई थी। विभागीय कर्मचारियों के सहयोग से सन 1990 में मंदिर में दुर्गा माता की प्रतिमा की विधि-विधान के साथ प्राण प्रतिष्ठा कर्राइ् र्गइ। इनके अलावा मंदिर में राधा-कृष्ण, राम दरबार की संगमरमर की मूर्तियां, शिव परिवार, हनुमानजी, गायत्री माता की मूर्तियां भी विराजित हैं।

विशेषता -

मंदिर में हर सोमवार को दीप यज्ञ होता है। मंदिर परिसर में पीपल का वृक्ष लगा है। इसके पास हर शनिवार को काफी लोग दीपक जलाते हैं। मंदिर में सभी पर्वों पर काफी रौनक रहती है। इसके अलावा इस क्षेत्र के कुछ लोग दूसरे शहरों में जाकर बस गए हैं, वे नवरात्र के दिनों में एक बार सपरिवार माता का आशीर्वाद लेने के लिए मंदिर अवश्य आते हैं।

वास्तुकला -

मंदिर काफी सुंदर बना हुआ है। चांदी का छत्र माता की मूर्ति के ऊपर सुशोभित है। देवी, देवताओं की संगमरमर से बनी मूर्तियां हैं, जिन्हें शीशे के बने फ्रेम के अंदर रखा गया है। फर्श पर टाइल्स बिछी हैं। मंदिर में लाइट व पंखे लगे है। मंदिर का बरामदा काफी बड़ा है, जिसमें बैठकर महिलाएं छंद गाकर माता का गुणगान करती हैं।

कालोनी के सभी लोगों के सहयोग से समय-समय पर मंदिर में काम कराया जाता है। नवरात्र में रोजाना दुर्गा सप्तशती का पाठ, भजन-कीर्तन होता है। मंदिर में सुबह-शाम आरती होती है जिसमें काफी लोग शामिल

होते हैं।

रुकुम ¨सह राठौर, महंत।

मंदिर की रोजना धुलाई के बाद ब्रह्म मुहर्त में माता के वस्त्र बदलकर श्रृंगार किया जाता है। नवरात्र में रोजाना मंदिर परिरसर में महिलाएं भजन-कीर्तन करती हैं। नवमी के दिन कन्या पूजन किया जाता है। विभिन्न पर्वों पर यज्ञ होता है।

संगीता रानी भाटिया, सेवादार।


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