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प्राइवेट स्कूलों के सामने शिक्षकों को वेतन देने का संकट

सीबीएसई स्कूलों के समूह सहोदया ग्रुप की ऑनलाइन हुई मीटिग जिलाधिकारी से भी की मुलाकात

By JagranEdited By: Published: Fri, 17 Apr 2020 10:09 PM (IST)Updated: Fri, 17 Apr 2020 10:09 PM (IST)
प्राइवेट स्कूलों के सामने शिक्षकों को वेतन देने का संकट
प्राइवेट स्कूलों के सामने शिक्षकों को वेतन देने का संकट

जागरण संवाददाता, रामपुर: सीबीएसई स्कूलों के समूह सहोदया ग्रुप की शुक्रवार को जूम एप के माध्यम से ऑनलाइन मीटिग हुई। इसमें प्रबंधकों व प्रधानाचार्यों ने लॉकडाउन के दौरान स्कूल संचालन में आ रही चुनौतियों के समाधान पर चर्चा की। इस दौरान स्कूल के शिक्षकों और स्टाफ का वेतन देने में आ रही दिक्कतों के मद्देनजर सक्षम अभिभावकों से फीस जमा कराने की अपील करने का निर्णय लिया। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने डीएम से मुलाकात कर अपनी समस्याओं के बारे में बताया।

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सहोदय ग्रुप की मीटिग में प्रधानाचार्यों ने कहा कि लॉकडाउन में लंबे समय से स्कूल बंद होने पर स्कूल प्रशासन और अभिभावक दोनो चिता में है। इसके मद्देनजर सीबीएसई स्कूलों ने आनलाइन पढ़ाई शुरू की है। विद्यार्थियों को आनलाइन पढ़ाया जा रहा है। शिक्षक बच्चों से सीधे संपर्क साध रहे है। लेकिन, फीस न आने से स्कूलों पर आर्थिक संकट मंडराने लगा है। शिक्षकों व कर्मचारियों को वेतन देना भी अब स्कूलों के लिए एक बड़ी चुनौती है। इस समस्या से सभी स्कूल जूझ रहे हैं। इसके मद्देनजर तमाम स्कूलों के प्रबंधक और प्रधानाचार्य जूम ऐप के माध्यम से आनलाइन एकजुट हुए है।

इस दौरान सभी ने सात अप्रैल को डिप्टी सीएम के व्याख्यान का समर्थन करते हुए चर्चा की कि अभिभावकों को फीस देने के लिए बाध्य नहीं किया जाएगा। मगर सक्षम अभिभावकों को फीस देनी चाहिए, जिससे आर्थिक संकट से निपटा जा सके। सभी ने फीस को जुलाई माह से एक-एक महीने के हिसाब से व्यवस्थित करने का फैसला किया, जिसमें निर्धारित फीस को कम से कम छह महीनों तक बराबर बांटा जाएगा ताकि अभिभावकों को फीस जमा करने में परेशानी का सामना न करना पड़े और वे हर महीने फीस जमा कर सके। किसी से लेट फीस भी नहीं वसूली जाएगी।

इस दौरान सभी ने शिक्षकों व कर्मचारियों के वेतन के संबंध में चिता व्यक्त की। कहा कि फीस न आने से शिक्षकों व कर्मचारियों का वेतन देना मुश्किल होता जा रहा है। मार्च माह तक की सैलरी दी जा चुकी है, लेकिन अब अप्रैल माह की सैलरी कैसे दे सकेंगे, यह चिता का विषय है। इसके लिए शिक्षकों से बातचीत करने का निर्णय लिया। सभी ने ऐसे संकट के समय में अभिभावकों से सहयोग करने की अपील की। कहा कि कि जो अभिभावक सक्षम है वह अपने बच्चों की फीस जमा करके स्कूलों का सहयोग कर सकते हैं। इसके अलावा अभिभावक घर बैठे ऑनलाइन स्लेबस मंगवा सकें, इसके लिए भी योजना बनाई गई। मीटिग में रामपुर के अलावा मिलक, बिलासपुर, शाहबाद आदि के स्कूलों के प्रबंधक व प्रधानाचार्य शामिल हुए। इसके बाद प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह से मुलाकात कर उन्हें स्कूलों के संचालन में आने वाली समस्याओं के बारे में बताया। स्कूल प्रशासन अभिभावकों के साथ शिक्षकों व स्टाफ का वेतन, बच्चों को दी जाने वाली अन्य सुविधाओं का खर्च फीस पर ही निर्भर करता है। मौजूदा हालात में स्कूल प्रशासन अभिभावकों के साथ है, किसी को अगर कोई परेशानी है तो वह बात कर सकता है। फीस के संबंध में कई विकल्प खोले जा रहे हैं।

एनके तिवारी, अध्यक्ष सहोदया ग्रुप


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