नवाब खानदान के आलीशान महल की कीमत शून्य मान रहे इंजीनियर
नवाब खानदान के आलीशान महल की कीमत शून्य मान रहे इंजीनियर।
मुस्लेमीन, रामपुर: नवाब खानदान के खासबाग पैलेस की कीमत तय नहीं हो पा रही है। कोर्ट नें इसका मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के इंजीनियरों को सौंपी है। लेकिन, वे छह माह में इसकी कीमत का आंकलन नहीं कर सके हैं। इंजीनियरों की नजर में इस महल की उम्र पूरी हो चुकी है। इस कारण अब इसकी कीमत शून्य है। अब इसका आंकलन पुरातत्व विभाग ही कर सकता है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर नवाब खानदान में संपत्ति के बंटवारे की प्रक्रिया चल रही है। जिला जज को दिसंबर 20 तक बंटवारा कराने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। नवाब खानदान का खासबाग पैलेस भी है। इसी में नवाब खानदान रहता था। इस महल का भी बंटवारा होना है। जिला जज ने इसका मूल्यांकन करने की जिम्मेदारी लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता को सौंपी। लेकिन, इंजीनियर मूल्याकंन नहीं कर पा रहे हैं। इंजीनियर कई बार इसका सर्वे कर चुके हैं। इंजीनियरों के मुताबिक इसमें लगीं ईंटे 1920 और 1924 की हैं। इस तरह यह सौ साल से ज्यादा पुराना है और लंबे समय से इसकी मरम्मत भी नहीं हुई है।
अधिशासी अभियंता संजीव कुमार वर्मा के मुताबिक सरकारी मानकों के मुताबिक यह महल अपनी उम्र पूरी कर चुका है। इसलिए इसकी कीमत कीमत शून्य है। तोड़ने के बाद इसके मलबे की कीमत आंकी जा सकती है। लेकिन, यह इमारत आजादी से पहले की है और देखने में खूबसूरत है। इसलिए इसकी कीमत पुरातत्व विभाग आंक सकता है। बिना तोड़े यह इमारत बड़ी रकम में भी बिक सकती है।
बंटवारे में लगी दिल्ली की कंपनी नवाब खानदान की संपत्ति के बंटवारे के लिए नामित किए गए एडवोकेट कमिश्नर अरुण प्रकाश कहते हैं कि लोक नर्माण विभाग के इंजीनियर खासबाग पैलेस की कीमत तय नहीं कर पा रहे हैं। इस संबंध में आगे कोर्ट जो भी आदेश देगा, उसी के अनुरूप कार्रवाई होगी। नवाबों की संपत्ति कई हजार करोड़ की है। इसके बंटवारे के लिए दिल्ली की एक सर्वे कंपनी को भी लगाया गया है, जो सारी संपत्ति के नक्शे बनाने के साथ ही हिस्से बनाने का काम कर रही है। लक्खी बाग में एक लाख पेड़ थे। अब पेड़ों की गिनती चल रही है। खासबाग में तीन हजार पेड़ों की गिनती हो चुकी है। जमीन की कीमत है हजारों करोड़
खासबाग में ढाई सौ कमरे और सिनेमा हाल समेत कई बड़े हाल हैं। यह महल 1930 में बनकर तैयार हुआ था। इसमें बड़े-बडे़ हाल बर्माटीक और बेल्जियम ग्लास के झूमरों से सजाए गए। इसमें नवाब का आफिस, सिनेमा हाल, सेंट्रल हाल, संगीत हाल, स्वीमिग पूल भी बनाया गया। इसी में नवाब खानदान की आरमरी है, जिसमें एक हजार से ज्यादा हथियार हैं। यह देश का पहला फुल्ली एयरकंडीशनर सिस्टम वाला महल है। यह महल सिविल लाइंस क्षेत्र में है। इस कारण इसकी जमीन ही अरबों रुपये की है।