श्रीमद् भागवत से होती है मन की शुद्धि
रामपुर : आदर्श कालोनी स्थित श्री हरि मंदिर में चल रही भागवत कथा में कथा वाचक बालशुक श्री
रामपुर : आदर्श कालोनी स्थित श्री हरि मंदिर में चल रही भागवत कथा में कथा वाचक बालशुक श्री नारायण ब्रह्मचारी जी ने कहा कि श्रीकृष्ण को हम नमस्कार करते हैं, जो जगत की उत्पत्ति, स्थिति और विनाश के हेतु तथा आध्यात्मिक, आधिदैविक और आधिभौतिक तीनों प्रकार के तापों का नाश करने वाले हैं। भागवत कथा जन्म व मृत्यु के भय का नाश कर देता है, भक्ति के प्रवाह को बढ़ाता है तथा भगवान श्रीकृष्ण की प्रसन्नता का प्रधान साधन है। मन की शुद्धि के लिए श्रीमदभागवत से बढ़कर कोई साधन नहीं है। यह श्रीमद् भागवत कथा देवताओं को भी दुर्लभ है तभी परीक्षित जी की सभा में शुकदेव जी ने कथामृत के बदले में अमृत कलश नहीं लिया। ब्रह्मा जी ने सत्यलोक में तराजू बांध कर जब सब साधनों, व्रत, यज्ञ, ध्यान, तप, मूर्तिपूजा आदि को तोला तो सभी साधन तोल में हल्के पड़ गए और अपने महत्व के कारण भागवत ही सबसे भारी रहा। अपनी लीला समाप्त करके जब श्री भगवान निज धाम को जाने लगे तो सभी भक्त गणों ने प्रार्थना कि हम आपके बिना कैसे रहेंगे तब श्री भगवान ने कहा कि वे श्रीमद् भगवत में समाए हैं। यह ग्रन्थ शाश्वत उन्हीं का स्वरुप है। पठन-पाठन व श्रवण से तत्काल मोक्ष देने वाले इस महाग्रंथ को सप्ताह विधि से श्रवण करने पर यह निश्चय ही भक्ति प्रदान करता है। अंत में संयोजक प्रवीन कपूर ने सभी का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कैलाश कपूर, ओम प्रकाश, पुरुषोत्तम कपूर, विनोद कपूर, मोहन कपूर, अंजुल कपूर, पुनीत कपूर, नितिन, पंकज कपूर आदि मौजूद रहे।
संजीव शर्मा।