Move to Jagran APP

फसल बीमा के नाम पर किसानों से धोखा कर रही बीमा कंपनियां : हसीब

फसल बीमा के नाम पर किसानों के साथ बीमा कंपनियां धोखाधड़ी कर रही हैं।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 01:42 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 06:04 AM (IST)
फसल बीमा के नाम पर किसानों से धोखा कर रही बीमा कंपनियां : हसीब
फसल बीमा के नाम पर किसानों से धोखा कर रही बीमा कंपनियां : हसीब

जागरण संवाददाता, रामपुर : भारतीय किसान यूनियन के जिलाध्यक्ष हसीब अहमद ने कहा कि फसल बीमा के नाम पर किसानों के साथ बीमा कंपनियां धोखाधड़ी कर रही हैं। मात्र 1421 किसानों को ही बीमा दिया गया, जबकि 65 हजार किसानों ने बीमा कराया था। वह गुरुवार को कार्यालय पर किसानों की पंचायत में बोल रहे थे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2020 रवि सीजन में अति वर्षा से प्रभावित गेहूं की फसल की क्षतिपूर्ति हेतु बीमा कंपनी से क्लेम दिलाने के लिए कृषि उपनिदेशक कार्यालय के समक्ष धरना प्रदर्शन किया था। बाद में उप कृषि निदेशक एवं मुख्य विकास अधिकारी के आश्वासन पर धरना समाप्त किया गया। तब लगभग 65 हजार किसान बीमित थे। बीमा कंपनी द्वारा बाद में सर्वे कराया था, जिसमें कंपनी द्वारा नाम मात्र का नुकसान दिखाया था। तब किसानों ने दोबारा धरना दिया। इसके बाद अधिकारियों ने क्रास चेकिग कराई। प्रत्येक ब्लाक के पांच-पांच गांव में चेकिग हुई तो पता चला कि 40 से 50 फीसद तक फसल का नुकसान हुआ था। इस संबंध में जिला कृषि अधिकारी से शीघ्र मुआवजा दिलाने की मांग की गई, लेकिन

loksabha election banner

26 अगस्त तक जिले के मात्र 1421 किसानों को ही नाम मात्र का मुआवजा दिया जा सका। बाकी किसानों को ढेला नहीं मिला। इससे साफ है कि किसानों के साथ कितना अन्याय किया जा रहा है। बीमा कंपनी द्वारा बड़ा घोटाला किया गया है। इसकी उच्च स्तरीय जांच कराई जानी जरूरी है। पंचायत में विरेंद्र सिंह, होरीलाल, हरपाल सिंह, रामदास मौर्या, खुशीराम मास्टर, सुलेमान, विनोद, रिजवान, रामगोपाल, अमृतपाल, राजवीर सिंह, रविद्र सिंह गुर्जर, इमरान अली, नजाकत अली, राम बहादुर सागर, दिनेश बाबू, बलराम सिंह सागर आदि मौजूद रहे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.