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CAA Protest : उपद्रवियों की बताएं पहचान, पुलिस नाम रखेगी गुप्त Rampur News

रामपुर बवालियों की पहचान के लिए पुलिस कई तरह की रणनीति पर काम कर रही है। जांच पड़ताल के बाद पुलिस आसानी से उपद्रवी तक पहुंच सकेगी।

By Narendra KumarEdited By: Published: Tue, 24 Dec 2019 11:16 AM (IST)Updated: Tue, 24 Dec 2019 11:16 AM (IST)
CAA Protest : उपद्रवियों की बताएं पहचान, पुलिस नाम रखेगी गुप्त  Rampur News
CAA Protest : उपद्रवियों की बताएं पहचान, पुलिस नाम रखेगी गुप्त Rampur News

रामपुर। जिले का पुलिस और प्रशासन अब उपद्रवियों को जेल की सलाखों के पीछे पहुंचाने के लिए कमर कस चुका है। इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया गया है। सोशल मीडिया पर ङ्क्षहसा कर रही भीड़ का फोटो अपलोड कर अपील की जा रही है कि यदि कोई इस भीड़ में शामिल उपद्रवियों को पहचानता है तो उसकी जानकारी जरूर दें। आपका नाम गुप्त रखा जाएगा।  यह पहल की है जिलाधिकारी आन्जनेय कुमार ङ्क्षसह ने। 

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नाम-पते की जुटाई जा रही जानकारी 

उन्होंने फेसबुक अकाउंट पर कई तस्वीरें अपलोड की हैं। इनमें भीड़ में पुलिस पर पत्थर फेंकते लोग नजर आ रहे हैं। इनमें कुछ ऐसे भी हैं, जो चेहरे को कपड़े से ढके हुए हैं। फेसबुक पर डाली तस्वीर में इनके चेहरों को गोल घेरे में रखा गया है और इनके नाम पते की जानकारी आम जनता से ली जा रही है। जिलाधिकारी ने लोगों से अपील की है कि रामपुर की कानून व्यवस्था और माहौल को खराब करने की कोशिश करने वाले इन लोगों को पहचानिए। प्रशासन को सूचित करें। सूचना देने वाले की पहचान गुप्त रखी जाएगी। डीएम ने एक अन्य फेसबुक यूजर द्वारा अपलोड फोटो का स्क्रीन शाट भी पोस्ट किया है, जिसमें बवाल वाले घटनास्थल पर एक निजी इमारत में लगे सीसी कैमरे की रिकार्डिंग का जिक्र किया है। लिखा है कि सीसी कैमरे की रिकार्डिंग में साफ देखा जा सकता है कि पथराव से पहले पुलिस द्वारा कोई बल प्रयोग नहीं किया गया है। यहां तक कि लाठीचार्ज भी नहीं किया गया। लोगों को पुलिस द्वारा पहले लाठीचार्ज किए जाने की झूठी कहानी बताई जा रही है।

सर्विलांस की मदद से भी पहचाने जाएंगे उपद्रवी

पुलिस प्रशासन ने भी उपद्रवियों की पहचान के लिए सर्विलांस का सहारा लिया है। अभी तक सर्विलांस की मदद से पुलिस अपराधियों को पकड़ती थी। अब शहर में उपद्रव करने वाले भी इससे बेनकाब होंगे। इसके लिए पुलिस की सर्विलांस टीम हाथीखाना चौराहे पर सभी कंपनियों के नेटवर्क से वहां चल रहे मोबाइल नंबरों की जानकारी करेगी। घटना से एक दिन पहले उन मोबाइल नंबरों की लोकेशन भी निकालेगी। इससे पता चल जाएगा कि कौन सा नंबर वहां आसपास रहने वालों का है और कौन सा नहीं। उन नंबरों से मोबाइल चलाने वाले की पूरी डिटेल निकाली जाएगी। पूरी जांच पड़ताल के बाद पुलिस आसानी से उपद्रवी तक पहुंच सकेगी। 


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