जामा मस्जिद से उठी प्रशासन के विरोध की आवाज
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जागरण संवाददाता, रामपुर : जामा मस्जिद से जुमे की नमाज के दौरान जिला प्रशासन के विरोध में आवाज उठी। कहा कि 29 जनवरी तक बेकसूरों को रिहा नहीं किया गया तो 30 जनवरी को राय-मशवरे के बाद एलान कर दिया जाएगा। जामा मस्जिद में जुमे की नमाज के दौरान शहर काजी खुशनूद मियां ने कहा कि प्रशासन ने अपना वादा पूरा नहीं किया है। इस संबंध में जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को ज्ञापन भेजा गया। ज्ञापन में कहा कि 21 दिसंबर को रामपुर में बेकसूर लोगों को भी जेल भेज दिया गया। इस संबंध में जिला प्रशासन से बात की गई थी, तब प्रशासन ने विश्वास दिलाया गया था कि धारा-169 के तहत छोड़ दिया जाएगा। 21 दिसंबर से आज तक उलमाओं ने शहर में शांति बनाए रखने के लिए प्रशासन का पूरा सहयोग किया। हालांकि उसी दिन से महिलाएं मस्जिद में आ रही हैं और अपने बेकसूर परिजनों को छुड़ाने के लिए मांग कर रही हैं। उलमा उन्हें समझा रहे हैं, लेकिन प्रशासन अपना वादा पूरा नहीं कर रहा है। ज्ञापन में कहा है कि बेकसूरों को रिहा किया जाए। फैज के हत्यारे का पता लगाकर कार्रवाई की जाए, जुर्माने की कार्रवाई के आर्डर वापस लिए जाएं। चेतावनी दी है कि अगर प्रशासन ने उनकी मांगों को गंभीरता से नहीं लिया गया तथा बेकसूर लोगों की रिहाई नहीं की गई तो धार्मिक नेता किसी संवैधानिक विरोध के लिए मजबूर होंगे। 29 जनवरी की शाम तक इंतजार किया जाएगा। इसके बाद 30 जनवरी को राय-मशवरे के बाद एलान किया जाएगा कि आगे क्या करना है। ज्ञापन पर शहर इमाम मुफ्ती महबूब अली, शहर काजी सैयद शुखनूद मियां, हाफिज साहब की दरगाह के सज्जादानशीन शाह फरहत अहमद जमाली, जमीयत उलमा के जिलाध्यक्ष मौलाना असलम जावेद कासमी व महासचिव अंसार अहमद कासमी के हस्ताक्षर हैं। गौरतलब है कि रामपुर में 21 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में बंद रहा था। इस दौरान आगजनी, पथराव व फायरिग भी हुई थी। एक युवक की गोली लगने से मौत भी हो गई थी।