आजम खां के करीबी पूर्व सीओ आले हसन खां की जमानत अर्जी खारिज
फर्जी पहचान पत्रों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजे गए सेवानिवृत्त सीओ की जमानत खारिज हो गई।
जागरण संवाददाता, रामपुर : फर्जी पहचान पत्रों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजे गए सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां की जमानत अर्जी जिला जज की अदालत से भी खारिज हो गई। निचली अदालत से उनकी जमानत अर्जी पहले ही खारिज हो चुकी है। पिछले साल सांसद आजम खां और उनके करीबियों के खिलाफ पुलिस ने ताबड़तोड़ मुकदमे दर्ज किए थे। इनमें पूर्व सीओ के खिलाफ भी 56 मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें एक मुकदमा सिविल लाइंस कोतवाली में छह अक्टूबर 2019 को दर्ज हुआ था, जो आगापुर गांव निवासी मुन्ने खां ने कराया था। इसमें आले हसन खां पर सीओ सिटी रहते किसानों की जमीनों पर अवैध कब्जा कराने का आरोप था। इस मुकदमे में हाजिर न होने पर अदालत ने उनके गिरफ्तारी वारंट जारी कर दिए थे। 11 अगस्त को पूर्व सीओ अदालत में हाजिर होने जा रहे थे, लेकिन कोर्ट पहुंचने से पहले ही पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। गिरफ्तारी के दौरान पुलिस को उनके पास से फर्जी आधार कार्ड, फर्जी पहचान पत्र और हाईकोर्ट का फर्जी आदेश मिला था। इस पर सिविल लाइंस पुलिस ने उनके खिलाफ धोखाधड़ी करके फर्जी दस्तावेज रखने के आरोप में एक और मुकदमा दर्ज कर लिया था। बाद में उन्हें जेल भेज दिया गया। जेल में बंद पूर्व सीओ की ओर से जमानत के लिए जिला सत्र की अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था। शुक्रवार को अदालत ने जमानत प्रार्थना पत्र पर सुनवाई की। अभियोजन पक्ष की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र पर आपत्ति जताते हुए विरोध किया, जबकि बचाव पक्ष ने पुलिस पर झूठा मुकदमा दर्ज करने की बात कहते हुए जमानत दिए जाने का अनुरोध किया। जिला शासकीय अधिवक्ता दलविदर सिंह डम्पी ने बताया कि दोनों पक्षों की बहस के बाद कोर्ट ने पूर्व सीओ की जमानत याचिका खारिज कर दी है।