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रामपुर में अब क्वालिटी बार की जमीन कब्जाने में फंसे समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां

रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीनें कब्जाने के आरोप के बाद सांसद आजम खां क्वालिटी बार की जमीन पर कब्जा करने के आरोप में भी फंस गए हैं।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Wed, 18 Sep 2019 05:41 PM (IST)Updated: Thu, 19 Sep 2019 09:02 AM (IST)
रामपुर में अब क्वालिटी बार की जमीन कब्जाने में फंसे समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां
रामपुर में अब क्वालिटी बार की जमीन कब्जाने में फंसे समाजवादी पार्टी के सांसद आजम खां

रामपुर, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के सांसद तथा अखिलेश यादव व मुलायम सिंह यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां की मुश्किलें दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही हैं। रामपुर जिला प्रशासन के भू-माफिया घोषित करने के बाद अब आजम खां के खिलाफ क्वालिटी बार की जमीन पर कब्जा करने का आरोप लगा है। इस मामले में उनके खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।

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रामपुर में जौहर यूनिवर्सिटी के लिए किसानों की जमीनें कब्जाने के आरोप के बाद सांसद आजम खां क्वालिटी बार की जमीन पर कब्जा करने के आरोप में भी फंस गए हैं। यह बार डीसीडीएफ (जिला सहकारी संघ) की दुकानों में चल रहा था। इस मामले में आरोप है कि सांसद ने यह दुकान बाद में अपनी पत्नी राज्य सभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा के नाम आवंटित करा ली थी। बार संचालक ने इस मामले में सिविल लाइंस कोतवाली में सांसद समेत उनके करीबी डीसीडीएफ के पूर्व चेयरमैन मास्टर जाफर, सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां और सहकारी संघ के तत्कालीन सचिव कामिल खां के खिलाफ लूट आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है।

बीपी कालोनी निवासी गगन लाल पुत्र हरनारायन की ओर से दर्ज कराए मुकदमे में कहा है कि विकास भवन के निकट डीसीडीएफ की दुकान में उनका क्वालिटी बार संचालित था। यह दुकान करीब 60 वर्ष से उनके परिवार के पास थी, जिसका 2820 रुपये प्रति वर्ष की दर से किराया सहकारी संघ में जमा किया जाता था। जिला सहकारी संघ में 31 सितंबर 2013 तक का किराया भी जमा कर दिया था।

वर्ष 2013 में प्रदेश में सपा की सरकार थी। आजम खां तब मंत्री थे। 13 फरवरी 2013 को मंत्री के साथ सेवानिवृत्त सीओ आले हसन खां (तब सिविल लाइंस थाना प्रभारी थे), जिला सहकारी बैंक के तत्कालीन चेयरमैन मास्टर जाफर और संघ के सचिव कामिल खां दुकान पर आए। उनके साथ सिविल लाइंस थाने की फोर्स भी थी। उन्होंने आते ही दुकान का सामान फेंकना शुरू कर दिया। पूछने पर कहने लगे कि यह दुकान सांसद आजम खां की पत्नी राज्यसभा सदस्य डॉ. तजीन फात्मा के नाम आवंटित होनी है। इसे खाली कर दो। इसके बाद आरोपितों ने बिना किसी कानूनी प्रक्रिया अपनाए दुकान जबरन खाली करा ली।

दुकान का सामान सड़क पर फेंक दिया। इससे उनका करीब दो लाख रुपये का नुकसान हो गया। दुकान के गल्ले में रखे 16500 रुपये भी लूट ले गए। बाद में पता चला कि जिला सहकारी संघ ने उन्हें बेदखल कर दुकान तजीन फात्मा के नाम आवंटित कर दी है। उन्होंने इसकी शिकायत की तो उनके खिलाफ धोखाधड़ी का फर्जी मुकदमा दर्ज करा दिया। इस मुकदमे में उन्हें जमानत करानी पड़ी। सिविल लाइंस कोतवाल राधेश्याम ने बताया कि इस मामले में जबरन दुकान में घुसकर नुकसान करने और लूटपाट की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया है। जांच उप निरीक्षक कोमल तोमर को सौंपी गई है। 


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