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सड़कों पर उतरे किसान, हाईवे पर किया चक्का जाम, कृषि सुधार विधेयक के विरोध में ट्रैक्टर ट्रॉली से सड़क को किया ब्लॉक

रामपुर कृषि सुधार विधेयक के विरोध में जिले भर में किसान सड़कों पर उतर आए। भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने आंबेडकर पार्क के सामने हाईवे पर चक्का जाम कर दिया। पहाड़ी गांव के पास रामपुर-केमरी मार्ग पर भारतीय किसान यूनियन अन्नदाता ने जाम लगा दिया। तहसीलों में भाकियू अंबावता ने प्रदर्शन कर उप जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपे।

By JagranEdited By: Published: Sat, 26 Sep 2020 12:36 AM (IST)Updated: Sat, 26 Sep 2020 12:36 AM (IST)
सड़कों पर उतरे किसान, हाईवे पर किया चक्का जाम, कृषि सुधार विधेयक के विरोध में ट्रैक्टर ट्रॉली से सड़क को किया ब्लॉक
सड़कों पर उतरे किसान, हाईवे पर किया चक्का जाम, कृषि सुधार विधेयक के विरोध में ट्रैक्टर ट्रॉली से सड़क को किया ब्लॉक

जागरण संवाददाता, रामपुर : कृषि सुधार विधेयक के विरोध में जिले भर में किसान सड़कों पर उतर आए। भारतीय किसान यूनियन टिकैत ने आंबेडकर पार्क के सामने हाईवे पर चक्का जाम कर दिया। पहाड़ी गांव के पास रामपुर-केमरी मार्ग पर भारतीय किसान यूनियन अन्नदाता ने जाम लगा दिया। तहसीलों में भाकियू अंबावता ने प्रदर्शन कर उप जिलाधिकारियों को ज्ञापन सौंपे।

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रामपुर शहर में आंबेडकर पार्क पर सुबह 11 बजे जिलाध्यक्ष हसीब अहमद के नेतृत्व में किसानों ने जुटना शुरू कर दिया था। कार्यक्रम को लेकर पहले से ही पुलिस तैनात थी। दोपहर 12 बजे तक बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों में भर कर वहां पहुंच गए। नेशनल हाईवे के अलावा आंबेडकर चौराहे की ओर आने वाले हर रास्ते को ट्रैक्टर-ट्रॉली लगा कर ब्लॉक कर दिया गया। इस अवसर पर किसानों ने सरकार विरोधी नारे लगाते हुए विरोध प्रदर्शन किया। जिलाध्यक्ष ने कहा कि केंद्र सरकार ने मनमाने ढंग से किसान विरोधी विधेयक को सदन में पास किया है। यह तब अच्छा होता जब इसमें इस बात का प्रावधान होता कि न्यूनतम समर्थन मूल्य से नीचे किसी भी उपज की खरीद कहीं नहीं होगी। दाल, चावल जैसी चीजों को आवश्यक वस्तु से मुक्त करने का परिणाम कालाबाजारी को बढ़ावा देने जैसा होगा। इसके साथ ही इसमें किसानों को अपनी फसल के दाम स्वयं तय करने का प्रावधान होता तो अच्छा होता। जब तक सरकार इसे वापस नहीं लेती, आंदोलन जारी रहेगा। धरने में शामिल होने आए अजीतपुर के रामपाल का कहना था कि प्रधानमंत्री वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने की बात कहते हैं। लेकिन, क्या इस तरह से आय दोगुनी होगी। सरकार अगर किसानों की हमदर्द है तो उन्हें खाद, बिजली मुफ्त दिलाए। विधेयक किसानों के लिए लॉलीपॉप से कम नहीं है। शाहबाद से आए सोमपाल सिंह ने कहा कि किसान अभी अनिश्चितता की स्थिति में हैं कि वे अपनी उपज किस दर पर बेच सकेंगे। इस शंका का समाधान शासन स्तर पर होना चाहिए।

सड़क पर ही बनाया भोजन और वहीं खाया : कार्यक्रम के दौरान किसान नेशनल हाइवे के बीचोंबीच दरी बिछा कर बैठ गए थे। इस दौरान बाकायदा दोपहर के भोजन के लिए गैस चूल्हा, बर्तन और खाद्य सामग्री की भी व्यवस्था की गई थी। सड़क पर ही गैस स्टोव लगा कर भोजन तैयार किया जाने लगा। उसके बनने के बाद सब ने धरना स्थल पर ही भोजन किया। उधर चक्का जाम होने के कारण वाहनों को निकलने में काफी परेशानी हुई। हालांकि वाहनों को बाइपास से डाइवर्ट कर दिया गया था। लेकिन, लोकल के लोगों को उधर से निकलने में काफी परेशानी हुई। अपराह्न तीन बजे धरना समाप्त किया गया।

रामपुर-केमरी मार्ग पर भी चक्का जाम कर दिया धरना : पहाड़ी गांव में रामपुर-केमरी मार्ग पर भारतीय किसान यूनियन अन्नदाता द्वारा चक्का जाम किया गया। तमाम कार्यकर्ता दो घंटे तक मार्ग को अवरुद्ध किए धरने पर बैठे रहे।

इस दौरान युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष उस्मान अली पाशा ने कहा कि केंद्र सरकार अपनी हठधर्मिता पर कायम है। किसान विरोधी अध्यादेश लाकर उसने अपने पतन की रूपरेखा तैयार की है। आज का यह चक्का जाम मात्र चेतावनी है। अगर सरकार ने यह विधेयक वापस नहीं लिया तो किसान अनिश्चितकाल के लिए सड़क और रेल मार्ग को जाम कर देंगे। आगे कहा कि किसानों के आंदोलन को हर व्यक्ति को समर्थन देना चाहिए। किसानों का प्रदर्शन कई घंटों तक चला। इस बीच उधर से गुजरने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ा। मुहम्मद शहजान, दानिश खान, दानिश मियां, हफीज अहमद खां, अब्दुल हफीज, हेमराज लोधी व साजिद पाशा आदि उपस्थित रहे।


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