कर्मचारियों ने बताया करदाताओं को राहत देने वाला बजट
कर्मचारियों ने बताया करदाताओं को राहत देने वाला बजट
जागरण संवाददाता, रामपुर : शनिवार को जारी बजट पर लोगों की मिलीजुली राय रही। किसी ने इसकी जमकर सराहना की तो कईयों ने इसमें खामियां भी खुब निकालीं। बात राज्य कर्मचारियों, शिक्षकों और अन्य वेतनभोगी तबके की करें तों उन्हें यह बजट पहली नजर में ही भा गया है। पांच लाख रुपये तक आमदनी पर आयकर से छूट और ग्रेच्युटी की बढ़ी लिमिट उन्हें आकर्षित कर रही है। वहीं कुछ कर्मचारियों का कहना है कि आयकर में छूट की सीमा को बढ़ाया जाना चाहिए था। बजट से मध्यम वर्ग को राहत मिली है। बैंक की इंश्योर्ड राशि एक लाख से बढ़ाकर पांच लाख कर दी गई है। यह राशि पहले एक लाख थी। इसे बढा़कर अब पांच लाख कर दिया गया है। उधर टैक्स में पांच लाख तक की सालाना आय पर कोई कर नहीं रखा गया है। बोले कर्मचारी
आयकर प्रक्रिया को आसान बनाया गया है। सरकार महंगाई को काबू में करने की कोशिश कर रही है। टैक्स रेट को कम करने की कोशिश के साथ ही आम आदमी के हाथ में ज्यादा पैसा रखने की कोशिश बजट के माध्यम से की गई है।
-भीष्म कुमार तोमर, एक्सईएन बिजली विभाग आयकर छूट की व्यवस्था से निचले स्तर के कुछ कर्मचारियों को फायदा होगा, लेकिन बजट में पुरानी पेंशन बहाली की बात भी की जानी चाहिए थी, जोकि नहीं की गई है। इस पर भी बात की जानी चाहिए थी।
-जगमोहन अग्रवाल आयकर में दस लाख तक छूट होना चाहिए थी, जो कि नहीं मिली है। पुरानी पेंशन बहाली की मांग कर्मचारी काफी समय से कर रहे हैं। इस पर भी बजट में कुछ नहीं कहा गया है। इसे लागू किया जाना था।
-एमके चौहान, बैंक कर्मी आयकर में दी गई छूट का फायदा कर्मचारियों को मिलेगा। कह सकते हैं कि इस हिसाब से यह बजट कर्मचारियों को काफी राहत प्रदान करने वाला है। इससे कर्मचारी वर्ग में प्रसन्नता का माहौल है।
-अरविद अग्रवाल टैक्स में कम से कम साढ़े सात लाख रुपये तक छूट दी जानी चाहिए थी, जो कि नहीं दी गई है। मात्र पांच लाख रुपये तक ही छूट प्रदान की गई है। सीमा बढ़ा दी जाती तो कर्मचारियों को काफी राहत मिल जाती।
-विमल कपूर बजट झुनझुना साबित हुआ है। जो छूट कर्मचारियों को मिलना चाहिए थी, उसको खत्म करके स्टैंडर्ड बढ़ाने का कोई फायदा नहीं है। बजट में थोड़ा संतोष इस बात पर है कि अब सरकारी कर्मचारी को टैक्स देने का विकल्प मिल जाएगा।
- हरीश धौनी, फार्मासिस्ट