गरीब मरीजों का मुफ्त इलाज
रामपुर : केंद्र सरकार जहां सरकारी चिकित्सकों की सेवाकाल अवधि को दो साल बढ़ाने का फै
रामपुर : केंद्र सरकार जहां सरकारी चिकित्सकों की सेवाकाल अवधि को दो साल बढ़ाने का फैसला कर रही है, ताकि गरीब और बेसहारा मरीज इलाज के अभाव में दम न तोड़ सकें, वहीं शहर के एक निजी चिकित्सक माह में एक दिन गरीब मरीजों की सेवा करते हैं। यह निजी चिकित्सक शहर के प्रसिद्ध ईएनटी (नाक, कान व गला) विशेषज्ञ 75 वर्षीय डॉ. अनिल अग्रवाल हैं। वह प्रत्येक माह एक दिन गरीब मरीजों का न सिर्फ मुफ्त इलाज करते हैं, बल्कि उन्हें दवाइयां भी मुफ्त बांटते हैं। इसी वजह से वह गरीबों के साथ ही आम लोगों के बीच खासे लोकप्रिय हो गए हैं। इस एक दिन उनके यहां गरीब मरीजों की भीड़ रहती है। वह भी किसी मरीज को निराश नहीं करते हैं। सभी को देखते हैं और उचित परामर्श देते हैं। मधुर व्यवहार के चलते उनका ज्यादातर गरीब मरीजों से आत्मीयता का रिश्ता बन गया है। प्रत्येक माह के पहले गुरुवार को देखते हैं मुफ्त मरीज डॉ. अनिल अग्रवाल का जौहर मार्ग पर ईश्वर नर्सिंग होम के नाम से बड़ा अस्पताल है। अस्पताल में उनके अलावा बेटा डॉ. नितिन अग्रवाल (ईएनटी स्पेशलिस्ट), बहू प्रीति अग्रवाल (स्त्री रोग विशेषज्ञ) और पत्नी विजय लक्ष्मी (स्त्री रोग विशेषज्ञ) भी मरीज देखते हैं। अस्पताल में रोजाना मरीजों की भीड़ रहती है। अस्पताल चलाने के लिए मरीजों से फीस ली जाती है, लेकिन माह के पहले गुरुवार को डॉ. अनिल अग्रवाल अपने किसी मरीज से फीस नहीं लेते हैं। इस दिन उनके यहां गरीब मरीजों की लाइन लगी रहती है। सात साल से मुफ्त कर रहे इलाज डॉ. अनिल अग्रवाल बताते हैं कि वह पिछले सात साल से गरीब मरीजों के लिए एक दिन मुफ्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध करा रहे हैं। इसके पीछे उनका मकसद गरीबों की सेवा करना है। वह बताते हैं कि हमारे परिवार में सभी डॉक्टर हैं। सारी उम्र हमने पैसा कमाया। लोग 60 साल के बाद सेवानिवृत्त हो जाते हैं। हमारी आयु 75 वर्ष हो चुकी है। ऐसे में ख्याल आया कि समाज के गरीब तबके के लिए भी कुछ किया जाए। जो लोग आर्थिक तंगी के चलते इलाज कराने में असमर्थ रहते हैं, उनका मुफ्त इजाज किया जाए। इसके बाद से यह सिलसिला शुरू हो गया। अब गरीबों के लिए माह में दो दिन मुफ्त इलाज करने का विचार है। फिटनेस पर भी देते हैं ध्यान डॉ. अनिल अग्रवाल अपनी सेहत को लेकर भी अलर्ट रहते हैं। वह बताते हैं कि रोजाना सुबह करीब डेढ़ घंटा अपनी फिटनेस के लिए निकालते हैं। उनकी दिनचर्या सुबह साढ़े पांच बजे शुरू हो जाती है। छह बजे टहलने जाते हैं। इसके बाद योग करते हैं। सुबह 10 बजे वह क्लीनिक पर बैठकर मरीज देखते हैं। अपराह्न दो बजे तक मरीज देखने के बाद बाकी समय परिवार और समाजिक कार्यों में व्यस्त रहते हैं।