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आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी की दीवार पर चला बुलडोजर, चक रोड की जमीन पर था निर्माण Rampur news

सपा सांसद आजम खां पर गरीबों की भूमि जबरन हथियाकर जौहर यूनिवर्सिटी बनाए जाने के कई मुकदमे दर्ज हैं।

By Narendra KumarEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 01:42 PM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 04:10 PM (IST)
आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी की दीवार पर चला बुलडोजर, चक रोड की जमीन पर था निर्माण Rampur news

रामपुर, जेएनएन। जिला प्रशासन ने  सांसद आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी की चहारदीवारी पर बुलडोजर चला दिया। यह दीवार चकरोड की जमीन पर बनी थी। सपा सांसद आजम खान जौहर यूनिवर्सिटी के संस्थापक हैं। अतिक्रमण करने के बाद इसकी बाउंड्री वॉल को बनवाया गया था।

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उप जिलाधिकारी सदर प्रेम प्रकाश तिवारी गुरुवार दोपहर बाद पुलिस फोर्स के साथ यूनिवर्सिटी पहुंचे।वहां चकरोड की जमीन पर बनी चारदीवारी पर बुलडोजर चलवा दिया। यह दीवार आलियागंज गांव की ओर बनी थी। सपा शासनकाल में जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल चकरोड  की जमीन को यूनिवर्सिटी में मिला लिया गया था, जबकि इसके बदले में दूसरी जमीन ग्राम पंचाय को दे दी गई थी। इस मामले में पिछले दिनों उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद ने आदेश दिया था कि चकरोड की जमीन को खाली करा दिया जाए।

परिषद ने  जमीनों की अदला-बदली को गलत माना था। इसके बाद प्रशासन ने चकरोड की जमीन पर कब्जा ले लिया और ग्राम पंचायत के सुपुर्द कर दी। इस जमीन से निर्माण हटाने के लिए  उपजिलाधिकारी ने मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और कुलाधिपति सांसद आजम खां को भी नोटिस जारी किया था लेकिन, इन्होंने निर्धारित अवधि दो सप्ताह के अंदर  निर्माण नहीं हटाया। इस पर प्रशासन ने खुद बुलडोजर चलवा दिया। उपजिलाधिकारी ने बताया कि यूनिवर्सिटी में चार चकरोड ऐसे हैं जिन पर निर्माण हुआ है।

कुल जमीन 17 बीघा जमीन है। 2007 में बसपा शासनकाल में भी चकरोड पर बनी चारदीवारी पर बुलडोजर चला था। इसके बाद सपा सरकार में इन चकरोड को कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए दूसरी जमीन  से बदल लिया। भाजपा सरकार में इसे लेकर शिकायत कर दी गई और जांच पड़ताल में पाया कि चकरोड के बदले में जो जमीन दी गई है, वह इतनी उपयोगी नहीं थी। चकरोड की जमीन की अदला-बदली करना भी गलत है।

गुरुवार को इस यूनिवर्सिटी की दीवार पर बुलडोजर चलाया गया। यूनिवर्सिटी में चकरोड की जमीन का मामला है। जिला प्रशासन ने चकरोड पर बनी यूनिवर्सिटी की दीवार को तुड़वा दिया। उप जिलाधिकारी सदर प्रेम प्रकाश तिवारी गुरुवार अपराहन ढाई बजे पुलिस फोर्स के साथ यूनिवर्सिटी पहुंचे। जहां चकरोड की जमीन पर बनी चहारदीवारी पर बुलडोजर चलवा दिया। यह दीवार आलियागंज गांव की ओर बनी है। सपा शासनकाल में जौहर यूनिवर्सिटी में शामिल चकरोड की जमीन को यूनिवर्सिटी में मिला लिया गया था, जबकि इसके बदले में दूसरी जमीन ग्राम पंचायत को दे दी गई थी।

इस मामले में पिछले दिनों उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद ने आदेश दिया था कि चकरोड की जमीन को खाली करा दिया जाए। परिषद ने जमीनों की अदला-बदली को गलत माना था। इसके बाद प्रशासन ने चकरोड की जमीन पर कब्जा ले लिया और ग्राम पंचायत के सुपुर्द कर दी। 

इस जमीन से निर्माण हटाने के लिए उपजिलाधिकारी ने मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार और और कुलाधिपति सांसद आजम खान को भी नोटिस जारी किया था लेकिन, इन्होंने निर्धारित अवधि दो सप्ताह के अंदर निर्माण नहीं हटाया। इस पर प्रशासन ने खुद बुलडोजर चलवा दिया।

यूनिवर्सिटी में चार चकरोड ऐसे हैं जिन पर निर्माण हुआ है। इनकी 17 बीघा जमीन शामिल है। 2007 में बसपा शासनकाल में भी चकरोड पर बनी चहारदीवारी पर बुलडोजर चला था। इसके बाद सपा सरकार में इन चकरोड को कानूनी प्रक्रिया अपनाते हुए दूसरी जमीन  से बदल लिया लेकिन, भाजपा सरकार में इसे लेकर शिकायत कर दी गई और जांच पड़ताल में पाया कि चकरोड के बदले में जो जमीन दी गई है, वह इतनी उपयोगी नहीं है। चकरोड की जमीन की अदला बदली करना भी गलत है।

चार दिन पूर्व ही एसडीएम ने दिए थे कार्रवाई के संकेत

15 फरवरी को रामपुर की मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में चकरोडों की जमीन से निर्माण हटाने को दिए गए नोटिस का समय पूरा हो चुका है। उसी दिन एसडीएम ने जल्द कार्रवाई के संकेत दिए थे। सांसद आजम खां की जौहर यूनिवर्सिटी में चार चकरोडों की जमीन शामिल है।

भाजपा नेता ने सीएम से की थी शिकायत

सपा शासनकाल में इस जमीन के बदले दूसरी जमीन दे दी गई थी, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने इसकी शिकायत मुख्यमंत्री से कर दी। उन्होंने आरोप लगाया कि नियमों के विरूद्ध जाकर जमीन की अदला-बदली की गई है। जांच में आरोप सही पाए गए। इस पर प्रशासन ने राजस्व परिषद में वाद दायर करा दिया। पिछले दिनों राजस्व परिषद ने चकरोडों की जमीन खाली कराने के आदेश दिए। इस पर प्रशासन ने जमीन पर कब्जा ले लिया, लेकिन इसमें निर्माण कार्य भी हो चुका है। कुलापति आवास का एक हिस्सा चकरोड की जमीन पर बना है।

इसी तरह यूनिवर्सिटी की चारदीवारी और एक इमारत का हिस्सा भी चकरोड की जमीन पर है। इस निर्माण को हटाने के लिए उपजिलाधिकारी सदर प्रेमप्रकाश तिवारी ने नोटिस जारी कर 15 दिन का समय दिया था। उपजिलाधिकारी ने चार दिन पूर्व ही कहा था कि समयावधि पूरी हो गई है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी। उसी परिप्रेक्ष्य में आज जिला प्रशासन यूनिवर्सिटी की अतिक्रमित दीवार को तोडऩे जा रहा है।


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