सीआरपीएफ आतंकी हमले के मुकदमे में टली सुनवाई
रामपुर : शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति न होने से सीआरपीएफ आतंकी हमले के मुकदमे में सुन
रामपुर : शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति न होने से सीआरपीएफ आतंकी हमले के मुकदमे में सुनवाई टल गई। अदालत अब 23 अक्टूबर को सुनवाई करेगी। सीआरपीएफ ग्रुप सेंटर पर 31 दिसंबर 2007 की रात आतंकी हमला हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हुए थे, जबकि एक रिक्शा चालक की भी जान गई थी। पुलिस ने इस हमले में आठ आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इनमें पाक अधिकृत कश्मीर का इमरान, यहीं का मोहम्मद फारूख, मुंबई गोरे गांव का फहीम अंसारी, बिहार के मधुबनी का सबाउद्दीन उर्फ सबा, प्रतापगढ़ के कुंडा का कौसर खां, बरेली के बहेड़ी का गुलाब खां, मुरादाबाद जिले के मूंढापांडे का जंग बहादुर बाबा खान और रामपुर जिले के खजुरिया गांव का मोहम्मद शरीफ उर्फ सुहेल शामिल हैं। इन सभी के खिलाफ स्थानीय अदालत में मुकदमा चल रहा है। सुरक्षा के मद्देनजर सभी आरोपितों को लखनऊ और बरेली की जेलों में रखा गया है। मुकदमे की सुनवाई के लिए इन्हें कड़ी सुरक्षा में यहां लाया जाता है। बुधवार को मुकदमे की सुनवाई थी, लेकिन आरोपित कोर्ट नहीं पहुंचे। आरोपितों के अधिवक्ता जमीर रिजवी ने बताया कि अदालतों में अभी शासकीय अधिवक्ताओं की नियुक्ति नहीं हो सकी है। इसके चलते न्यायिक कार्य प्रभावित हो रहा है। अदालत ने आरोपितों को कोर्ट में पेश न किए जाने के संबंध में बरेली और लखनऊ सेंट्रल जेल प्रशासन को सूचित कर दिया था। इसके चलते उनकी पेशी नहीं हुई।