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हाईवे ही नहीं, शहर की सड़कों पर भी सावधानी जरूरी

कोहरा अभियान - आइये लगाएं कोहरे के कोहराम पर लगाम का लोगो अनिवार्य.. 1 दो नहीं शहर में भी कई सड़कें ऐसी हैं जहां डेंजर प्वाइंट बने हैं 2 हाईवे दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग और नैनीताल जिले से गुजर रहे हैं 3 अर्थात सिमरा मोड़ पर तिराहा है जहां अक्सर हादसे होते हैं 4 इन रोड भी हादसे होते हैं इनमें पटवाई रोड स्वार रोड टांडा-बाजपुर रोड शाहबाद-बिलारी रोड शामिल हैं --------------------

By JagranEdited By: Published: Thu, 05 Dec 2019 10:36 PM (IST)Updated: Thu, 05 Dec 2019 10:36 PM (IST)
हाईवे ही नहीं, शहर की सड़कों पर भी सावधानी जरूरी
हाईवे ही नहीं, शहर की सड़कों पर भी सावधानी जरूरी

जागरण संवाददाता, रामपुर : कोहरे में निकलते समय सिर्फ हाईवे पर ही सतर्कता जरूरी नहीं है, बल्कि शहर की सड़कों पर भी सावधान रहें। शहर में भी कई सड़कें ऐसी हैं, जहां डेंजर प्वाइंट बने हैं और यहां अक्सर हादसे होते हैं। इन हादसों में हर साल कई लोगों की जान तक चली जाती है। कोहरे में तो यहां हादसों का खतरा और बढ़ जाता है। खासकर शहर के आउटर एरिया में सबसे ज्यादा हादसे होते हैं। जिले से होकर दिल्ली-लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग और नैनीताल हाईवे गुजर रहे हैं। इन हाईवे पर कहीं अंधे मोड़ हैं तो कहीं डिवाइडर पर कट लगे हुए हैं, जहां अक्सर हादसे होते हैं। इसके अलावा शहर की अन्य सड़कें भी जानलेवा हो चुकी हैं। इनमें केमरी से मिलक जाने वाली सड़क पर सिमरा मोड़ पर हादसे होते हैं। यहां तिराहा है। यहां संकेतक नहीं लगे हैं। इससे गाड़ियां टकरा जाती हैं। केमरी-रामपुर रोड पर राजकीय इंटर कॉलेज के पास भी हादसे होते हैं। यहां सड़क का चौड़ीकरण किया गया था तो दोनों ओर पुलिया बना दीं, लेकिन सड़क के बीच में गड्ढा छोड़ दिया गया। इस गड्ढे में गिरकर अक्सर वाहन गिर जाते हैं। केमरी-रामपुर रोड पर ही ग्राम जनुनागर के पास ईंट भट्टे के पास तीव्र मोड़ है, जहां वाहन दुर्घटनाग्रस्त होते हैं। इसके अलावा पटवाई रोड, स्वार रोड, टांडा-बाजपुर रोड, शाहबाद-बिलारी रोड आदि पर भी हादसे होते हैं। केमरी रोड पर सड़क के बीच बना मौत का गड्ढा

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शहर में ऐसी सड़कें भी हैं, जहां मौत के गड्ढे बने हैं। कुछ सड़कों पर बीच में पुलिया आ गई है, जिन पर रेलिग तक नहीं है। इन सड़कों पर आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं में कोहरा कोढ़ में खाज जैसा हो जाता है। कोहरे में इन सड़कों पर दुर्घटना होना तय रहता है। 2017 में विधानसभा चुनाव के दौरान केमरी रोड पर बाबर खां के ईंट भट्टे के पास वन कर्मचारी राम किशोर की बाइक ऐसी ही पुलिया में गिर गई थी। वह घटना के समय मतगणना में ड्यूटी करने जा रहे थे। सुबह कोहरे के कारण उन्हें सड़क के बीच में खुली पुलिया नजर नहीं आई और वह बाइक समेत पुलिया में गिरकर घायल हो गए थे। दरअसल, चौड़ीकरण के बाद इस सड़क पर पुलिया बीच में आ गई है। उसके दोनों ओर सड़क है, लेकिन संकेतक या रेलिग न होने से राहगीरों को दूर से पुलिया नजर नहीं आती और अक्सर हादसे होते हैं। सरकारी मशीनरी की उदासीनता के चलते अभी तक यहां सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं किए गए हैं।


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