दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे बैंक कर्मचारी
रामपुर : श्रमिक विरोधी नीतियों से नाराज बैंक कर्मचारी दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे।
रामपुर : श्रमिक विरोधी नीतियों से नाराज बैंक कर्मचारी दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। उन्होंने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। देश के 45 श्रमिक संगठनों के आह्वान पर बैंकों में दो दिन की हड़ताल की घोषणा की गई थी। इसके चलते शहर के करीब एक दर्जन बैंक मंगलवार से बंद थे। बुधवार को हड़ताल का दूसरा दिन था।
दूसरे दिन सुबह करीब 10 बजे यूपी बैंक इम्प्लाइज यूनियन के बैनर तले हड़ताली बैंक कर्मचारी ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स की शाखा के बाहर इकट्ठा हुए। केंद्र सरकार पर श्रम विरोधी नीति बनाने का आरोप लगाते हुए नारेबाजी की। यूनियन के जिला अध्यक्ष जगमोहन अग्रवाल ने कहा कि केंद्र सरकार कर्मचारियों के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। हमारी जायज मांगों को पूरा नहीं किया जा रहा है। उन्होंने पुरानी पेंशन बहाली और सभी कर्मचारियों के लिए पेंशन व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने की मांग को जरूरी बताया। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिमेश पर रोक लगाने की मांग की। यूनियन के जिला मंत्री एमके चौहान ने कहा कि केंद्र सरकार को बैं¨कग उद्योग को बढ़ावा देना चाहिए। बैंकों में आउटसोर्सिंग बंद करना चाहिए और बैंकों के एनपीए की वसूली के लिए उद्योगपतियों से वसूली कराई जानी चाहिए। इससे बैंक उद्योग को मजबूती मिलेगी। इस मौके पर अशोक अग्रवाल, जेके शर्मा, आशुतोष गुप्ता, बीएस रावत, बीएस राना, कैलाश चंद्र, राहुल अग्रवाल, प्रमोद कुमार, अभिनव कुमार, राजेश मलिक, जीडी जोशी, यूसी शर्मा, हर्षित गुप्ता, सुशील कुमार, राकेश कुमार, दीपक कुमार, मनीष अग्रवाल, सुंदर लाल, संजय वर्मा, शिवेश शंकर, धर्मेंद्र कुमार यादव आदि मौजूद रहे। हड़ताली बीमा कर्मचारियों का सरकार के खिलाफ प्रदर्शन रामपुर : हड़ताली बीमा कर्मचारियों ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। असंगठित क्षेत्र (मजदूर-किसान) के समर्थन और केंद्रीय मजदूर संगठनों के आह्वान पर बीमा कर्मचारी दूसरे दिन भी हड़ताल पर रहे। वे बुधवार को आवास विकास रोड स्थित जीवन बीमा निगम कार्यालय पर इकट्ठा हुए। सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कर्मचारियों ने सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि 30 वर्षों से कोई स्थायी भर्ती नहीं निकाली गई है। सरकार ने हमारी आवाज दबाने के लिए आरक्षण बिल लागू कर दिया। सरकार जान ले कि यह सिर्फ हड़ताल नहीं है, बल्कि मजदूरों और किसानों का स्वाभाविक गुस्सा है। 1991 से चालू की गई आर्थिक नीतियों ने मजदूरों और किसानों की कमर तोड़ दी है। बेरोजगारी की दर बढ़ती जा रही है। जिन विभागों में मैनपावर कम है, वहां भी सरकार भर्ती नहीं कर रही है। सरकार से हमारी मांग है कि शीघ्र विभागों में नई भर्तियां करें। प्रदर्शन करने वालों में भगवान दास, विजय श्रीवास्तव, राकेश यादव, कर्मवीर ¨सह, इशरत अली, राजीव कुमार, हरि ¨सह आदि शामिल रहे। अध्यक्षता बीमा कर्मचारी संघ के शाखा अध्यक्ष विनीत कुमार ¨सह ने और संचालन शाखा सचिव श्रीकांत झा ने किया।