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आजम को झटका, दलितों की जमीन के दस मुकदमे हारे

जागरण संवाददाता रामपुर सांसद आजम खां को राजस्व परिषद से तगड़ा झटका लगा है। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए बिना परमीशन दलितों की जमीनें खरीदने के 10 मुकदमों में उन्हे हार का मुंह देखना पड़ा है। अब यह जमीन सरकारी घोषित की जाएगी। पूर्व मंत्री आजम खां के खिलाफ मार्च 201

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Jan 2020 11:28 PM (IST)Updated: Mon, 20 Jan 2020 06:12 AM (IST)
आजम को झटका, दलितों की जमीन के दस मुकदमे हारे
आजम को झटका, दलितों की जमीन के दस मुकदमे हारे

जागरण संवाददाता, रामपुर: सांसद आजम खां को राजस्व परिषद से तगड़ा झटका लगा है। जौहर यूनिवर्सिटी के लिए बिना परमीशन दलितों की जमीनें खरीदने के 10 मुकदमों में उन्हे हार का मुंह देखना पड़ा है। अब यह जमीन सरकारी घोषित की जाएगी।

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पूर्व मंत्री आजम खां के खिलाफ मार्च 2018 में राजस्व परिषद इलाहाबाद में 10 मुकदमे दायर कराए गए थे। हालांकि यह जमीन सपा शासनकाल में खरीदी गई थी। लेकिन, भाजपा के सत्ता में आने पर भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। आरोप लगाया कि आजम खां ने मौलाना मोहम्मद अली जौहर ट्रस्ट के अध्यक्ष की हैसियत से यूनिवर्सिटी के लिए दलितों की जो जमीन खरीदी, उसमें नियमों का पालन नहीं किया गया। दलितों को पट्टे में जमीन मिली थी, जिसे बेचने का उन्हे अधिकार नहीं था। दलित की जमीन बेचने के लिए जिलाधिकारी से अनुमति लेना भी जरूरी है, लेकिन डीएम से अनुमति नहीं ली गई। इसपर तहसीलदार ने 2013 में ही अपील भी दायर की थी। लेकिन, उपजिलाधिकारी और मंडलायुक्त ने निष्पक्ष न्यायिक मस्तिष्क से विचार किए बिना निर्णय पारित कर दिया।

जिलाधिकारी का परमीशन संबंधी आदेश नहीं था, लेकिन यह कह दिया गया कि आदेश कहीं गुम हो गया है और इसे मंडलायुक्त ने मान भी लिया। उन्होंने मंडलायुक्त के सात नवंबर 2013 को दिए आदेश को निरस्त करने की मांग की। इस मामले में जांच पड़ताल के बाद मार्च 2018 में तत्कालीन जिलाधिकारी महेंद्र बहादुर सिंह ने राजस्व परिषद में 10 मुकदमे दायर करने के आदेश दिए। आकाश सक्सैना को पैरवी के लिए निगरानी कर्ता भी बनाया गया।

उन्होंने बताया कि परिषद ने अब फैसला सुना दिया है। परिषद ने मंडलायुक्त के आदेश को गलत ठहराया है। यह करीब 100 बीघा जमीन है, जिसे कब्जा मुक्त कराते हुए सरकार के खाते में दर्ज कराया जाएगा। भाजपा नेता का कहना है कि वह इस संबंध में मुख्यमंत्री से मिलकर उक्त जमीन दलितों को ही दिलाने की मांग करेंगे, ताकि वे अपने परिवार का पालन पोषण कर सकें। उनका कहना है कि दलितों के अधिकारों का हनन हुआ है, इसलिए जौहर ट्रस्ट के सभी सदस्यों पर एससी एसटी एक्ट में भी मुकदमा कराया जाए।


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