आजम की घेराबंदी में लगी योगी सरकार
जागरण संवाददाता रामपुर प्रदेश की योगी सरकार लोकसभा चुानव से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां की घेराबंदी में लगी है। एक सप्ताह के अंदर आजम खां पर शिकंजा कसते हुए उनके समर्थकों के खिलाफ चार मुकदमे दर्ज करा दी है जबकि उनके बनवाए उर्दू गेट पर बुलडोजर चलवा दिया है।
जागरण संवाददाता, रामपुर: प्रदेश की योगी सरकार लोकसभा चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खां की घेराबंदी में लगी है। एक सप्ताह के अंदर आजम खां पर शिकंजा कसते हुए उनके समर्थकों के खिलाफ चार मुकदमे दर्ज करा दी है, जबकि उनके बनवाए उर्दू गेट पर बुलडोजर चलवा दिया है। आजम खां की यूनिवर्सिटी के अंदर बने गेस्ट हाउस पर जाने के लिए दीवार तोड़कर रास्ता खोल दिया। इतना ही नहीं, आजम खां के स्कूल आरपीएस की इमारत को खाली कराकर यूनानी अस्पताल का कब्जा करा दिया। गुरुवार को एक बार फिर आजम खां के खिलाफ जांच के लिए एसआइटी रामपुर आ गई ।
सूबे में सत्ता परिवर्तन के साथ ही आजम खां के खिलाफ शिकायतें और जांच शुरू हो गई थी। सबसे पहले उनके विधायक बेटे अब्दुल्ला आजम की उम्र को लेकर विवाद खड़ा हुआ। अब्दुल्ला के मुकाबले बसपा प्रत्याशी रहे नवाब काजिम अली खां उर्फ नवेद मियां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई कि दस्तावेजों में अब्दुल्ला की उम्र कम है। नामांकन के समय कम उम्र के तथ्यों को छुपाया है, इसलिए उनके खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया जाए, लेकिन तब पुलिस ने यह कहकर रिपोर्ट दर्ज करने से मना कर दिया कि इस मामले में निर्वाचन अधिकारी नामांकन के दौरान ही अपना फैसला सुना चुके हैं। उन्होंने अब्दुल्ला के नामांकन को वैध पाया है। इसलिए अब इसमें कार्रवाई नहीं हो सकती। इसके बाद नवेद मियां हाईकोर्ट चले गए। यह मामला अभी अदालत में विचाराधीन है, लेकिन दो माह पहले इसी मामले में भारतीय जनता पार्टी लघु उद्योग प्रकोष्ठ के पश्चिमी उत्तर प्रदेश संयोजक आकाश सक्सेना ने आजम खां, उनकी पत्नी राज्यसभा सदस्य डा. तजीन फात्मा और विधायक अब्दुल्ला आजम के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया, जिसमें कहा कि अब्दुल्लाह आजम के दो दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए गए हैं। इनमें एक जन्म प्रमाण पत्र फर्जी है, जिसे बनवाने के लिए आजम खां और तंजीम फात्मा ने नगर पालिका में शपथ पत्र दाखिल किए हैं। इस मामले को खारिज कराने के लिए आजम खां हाईकोर्ट गए हैं। आकाश सक्सेना ने पहले आजम खां के खिलाफ सेना के अपमान का मुकदमा दर्ज कराया था। इसके अलावा जौहर यूनिवर्सिटी की जमीनों की खरीद फरोख्त के मामले में भी राजस्व परिषद में 14 मुकदमे दायर कराए गए। मुकदमेबाजी के साथ साथ ही आजम खां के खिलाफ शासन में शिकायत दर्ज कराई गई, जिसमें आरोप लगाया कि उन्होंने सत्ता में रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया। अपनी जौहर यूनिवर्सिटी में सरकारी गेस्ट हाउस बनवा लिया और उसका रास्ता भी बंद कर रखा है। छह फरवरी को प्रशासन ने यूनिवर्सिटी के पास में बने बिजलीघर की बाउंड्री बाउंड्री तोड़ दी और इसके बाद गेस्ट हाउस तक सड़क बनाने का काम शुरू करा दिया। प्रशासन ने उसी दिन जौहर यूनिवर्सिटी रोड पर बने उर्दू गेट पर भी बुलडोजर चलवा दिए। इस गेट को बनवाने के लिए आजम खां ने अपनी विधायक निधि से भी 20 लाख रुपये दिए थे। इतनी ही धनराशि सी एंड जीएस ने लगाई थी। इस गेट की हाइट बहुत कम थी। इस कारण इस से होकर ट्रक और बसें भी नहीं निकल पाती थीं। इसे लेकर कई बार लोगों ने प्रशासन और शासन से शिकायतें भी की। आजम खां पर सरकारी संपत्तियों को लीज पर लेने के नाम पर कब्जा करने और उनमें अपने स्कूल खोलने के भी आरोप लगे। इन तमाम आरोपों की शासन ने एसआईटी जांच शुरू करा दी। गुरुवार को फिर एसआइटी रामपुर पहुंच गई।
लोकसभा चुनाव से पहले अचानक आजम खां के खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। इस कार्रवाई को शुरू होने से पहले शासन ने जिले का प्रशासनिक अमला भी बदल दिया। जिला अधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह को फतेहपुर से रामपुर भेजा ।उनके साथ ही अपर जिलाधिकारी प्रशासन जगदंबा प्रसाद गुप्ता, सिटी मजिस्ट्रेट सर्वेश कुमार गुप्ता और उप जिला अधिकारी प्रेम प्रकाश तिवारी भी रामपुर स्थानांतरित किए गए। ये सब ऐसे अधिकारी हैं जो पहले जिला अधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह के साथ रह चुके हैं। इससे प्रशासन की मजबूत टीम बन गई है और इसे लेकर आजम खां के समर्थक भी हैरान है चुनाव से पहले माहौल खराब करने की साजिश आजम खां का कहना है कि हमने कोभ काम गलत नहीं किया है। शासन और प्रशासन से मंजूरी लेकर सारे काम कराए गए हैं। भारतीय जनता पार्टी सरकार के इशारे पर हमार खिलाफ साजिश की जा रही हैं। रामपुर को जम्मू कश्मीर कश्मीर बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हम ऐसा नहीं होने देंगे। रामपुर में दहशत का माहौल है, ऐसे में निष्पक्ष चुनाव की उम्मीद नहीं की जा सकती। । वह जिला अधिकारी पर भी निशाना साध रहे हैं कह रहे हैं कि वह तानाशाह की तरह काम कर रहे हैं। जनहित में हो रही कार्रवाई जिला अधिकारी आन्जनेय कुमार सिंह का कहना है कि प्रशासन कोई भी गलत काम नहीं कर रहा है। सब कुछ कानून के दायरे में रहकर जनहित में किया जा रहा है। उर्दू गेट बहुत कम हाइट का था। उस से होकर बड़े वाहन नहीं निकल पाते थे, इसलिए उसे तोड़ा गया है। आजम खां के स्कूल की इमारत पर कब्जा नहीं किया गया है, बल्कि इन लोगों ने ही गलत तरीके से कब्जा कर रखा था। इन्हें जो इमारत लीज पर दी गई है, उसमें स्कूल न चला कर यूनानी अस्पताल की बिल्डिग में स्कूल चला रहे थे। अब वहां अस्पताल ही चलेगा।