कोरोना से जंग में 87 हजार गरीबों का साथ देगी आयुष्मान योजना
87478 लाभार्थियों के बनाए जा चुके हैं गोल्डन कार्ड जागरण संवाददाता रामपुर गरीबों के लि
87478 लाभार्थियों के बनाए जा चुके हैं गोल्डन कार्ड जागरण संवाददाता, रामपुर : गरीबों के लिए चलाई गई भारत आयुष्मान योजना कोरोना बीमारी में भी उनकी मददगार बनेगी। कोरोना की चपेट में आने पर आयुष्मान योजना से उनका मुफ्त इलाज कराया जाएगा। हालांकि यह इलाज उन्हें जिले के किसी अस्पताल में नहीं मिलेगा। इसके लिए उन्हें मुरादाबाद, बरेली या फिर अन्य किसी शहर में जाना पड़ेगा। वर्तमान में कोरोना संकट है। अभी तो सरकार की ओर से प्रत्येक जिले में कोरोना संक्रमित की मुफ्त जांच की सुविधा उपलब्ध है। अस्पतालों में उनका इलाज भी मुफ्त किया जा रहा है। जिन जिलों के अस्पतालों में कोरोना के इलाज की सुविधा नहीं है तो वहां कोविड केयर सेंटर बनाए गए हैं। रामपुर में भी किसी अस्पताल में कोरोना के इलाज की सुविधा नहीं है। अब अनलॉक के बाद यह बीमारी फैलने का खतरा भी बढ़ गया है। ऐसे में सबसे ज्यादा दिक्कत उन लोगों को होगी, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इस बीमारी की जांच से लेकर महंगा इलाज कराना उनके लिए मुश्किल होगा। सरकार ने उनकी मुश्किलों को कम करते हुए आयुष्मान योजना में इस बीमारी को भी शामिल कर लिया है।
आयुष्मान योजना के जिला सूचना प्रबंधक प्रांजल कुमार ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत जिले में 87478 लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाए जा चुके हैं। अब ये सभी कोरोना की बीमारी में मुफ्त इलाज करा सकेंगे। हालांकि यहां इस बीमारी के इलाज की सुविधा नहीं है। यहां सिर्फ कोविड केयर सेंटर बना है, जहां आशंकितों और संक्रमितों को रखा जाता है। ऐसे में आयुष्मान योजना के लाभार्थियों को इलाज के लिए मुरादाबाद या बरेली जाना पड़ेगा।
योजना के नोडल अधिकारी अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आफताब इकबाल बेग ने बताया कि आयुष्मान योजना में पांच लाख रुपये तक का इलाज मुफ्त किए जाने की सुविधा है। इस योजना के पात्रों को पहले गोल्डन कार्ड बनवाना होता है। जिले के दो हजार से ज्यादा लाभार्थी कैंसर, हृदय रोग, पथरी, डायलिसिस, जल जाने, गाल ब्लडर की पथरी, बच्चेदानी की सर्जरी, हर्निया, मोतिया बिन्द आदि बीमारियों का मुफ्त इलाज करा चुके हैं। योजना के लाभार्थी देश भर में कहीं भी इलाज करा सकते हैं। जिले में 15 अस्पतालों में इस योजना के लाभार्थियों का इलाज किया जा रहा है। इनमें सात सरकारी और आठ प्राइवेट हॉस्पिटल हैं।