तरक्की के लिए तालीम हर हाल में जरूरी: फुर्कानी
जागरण संवाददाता रामपुर मदरसा जामे उल उलूम फुर्कानिया में जलसा ए दस्तारबंदी हुआ।
जागरण संवाददाता, रामपुर : मदरसा जामे उल उलूम फुर्कानिया में जलसा ए दस्तारबंदी हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ कारी मोहम्मद मामून शुएब व कारी मोहम्मद कैफ फुर्कानी की तिलावत से हुआ। उसके बाद मौलवी मोहम्मद फैजान खां ने बानी ए मदरसा हजरत खतीबे आजम की हम्दे बारी ताला प्रस्तुत की। मौलवी मोहम्मद अमान फुर्कानी द्वारा हादिया नाते पाक पेश किया गया। मौलाना मोहम्मद माहिर खां फुर्कानी और साथियों ने फुर्कानिया की शान में तराना-ए-फुर्कानिया पेश किया।
इस अवसर पर तालिबे इल्म मौलवी मोहम्मद वसी फुर्कानी ने अपनी तकरीर में उम्मत में इत्तेहाद के फवाइद बयान किए। उसके फायदों के साथ ही इख्तिलाफ के नुकसान के विषय में भी बताया। मौलवी मोहम्मद शाहिद फुर्कानी ने कहा कि तालीम ऐसा चिराग है, जिससे हमारी दुनिया रोशन हो जाती है। इसके जरिए आप तरक्की करके बुलंदियों को छू सकते हैं। मदरसा जामे उल उलूम फुर्कानिया ऐसा इदारा है, जिसने शहर में इल्मे दीन की डूबती कश्ती को उबारा। जब यहां से इल्मे दीन खत्म होने के कगार पर था तो उन्होंने ऐसा चिराग रोशन किया जो उनके सामने ही सूरज की तरह रोशन ओर चमकदार हो चुका था। उसकी रोशनी से हर मकतबा व मसलक के हमनबा रोशनी हासिल करने लगे। इस दौरान प्रिसिपल मोहम्मद रेहान खां ने बताया कि कुल 652 परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी थी। इनमें अरबी के 152 विद्यार्थी शामिल थे। इनमें से 46 विद्यार्थी प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण हुए। 91 दूसरे तथा 13 तीसरे स्थान पर रहे। शौबे का परिणाम शत प्रतिशत रहा। ज्वाइंट सेक्रेटरी डॉ. शाइर उल्लाह खां वजीही ने सालाना रिपोर्ट प्रस्तुत की। उन्होंने उपस्थित लोगों से बच्चों को हर हाल में दीनी तालीम देने को कहा। परीक्षा में स्थान प्राप्त करने वालों को पुरस्कृत भी किया गया। इसके बाद दस्तारबंदी के साथ ही सनद भी वितरित की गईं। उसके बाद बारगाहे रिसालत में मौलाना फैजान खां ने हादिया-ए-दुरूदो सलाम पेश किया। अंत में नाजिमे तालीमात व सरपरस्त मुफ्ती महबूब अली कादरी वजीही मुफ्ती-ए-आजम की दुआ-ए-खैर के साथ जलसा संपन्न हुआ। मौलाना मोहम्मद मआरिफ उल्लाह खां, मौलाना शाह सैयद हिलाल अहमद कादरी, मौलाना सैयदअहमद अली, मौलवह मोहम्मद माहिर खां आदि उपस्थित रहे।