बेझिझक लें 10 के सिक्के, आरबीआइ ने दी हरी झंडी
रामपुर : सिविल लाइंस के मुदित कुमार ने अपनी स्कूटी में 200 रुपये का पेट्रोल भरवाया और पेट्र
रामपुर : सिविल लाइंस के मुदित कुमार ने अपनी स्कूटी में 200 रुपये का पेट्रोल भरवाया और पेट्रोल पंप के सेल्समैन को 10 के सिक्के के रूप में पेमेंट करने लगे। सेल्समैन ने सिक्के लेने से मना कर दिया। बस शुरू हो गया हंगामा। बात इतनी बढ़ी कि पुलिस बुलानी पड़ी। इस तरह के हंगामे इन दिनों आम हो गए हैं। कभी बैंक में ग्राहक और कर्मचारी में इसे लेकर विवाद होता है तो कहीं दुकानों पर। यदि दुकानदार सिक्के लेने को राजी भी होता है तो रुपये के चिन्ह को लेकर हंगामा होता है। अफवाह इस बात को लेकर फैल रही है कि बिना रुपये के चिन्ह वाले सिक्के नकली हैं।
ऐसे हंगामों को देखते हुए अब आरबीआइ (रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया) आगे आया है। आरबीआइ ने लोगों के मोबाइल पर मैसेज भेजने शुरू कर दिए हैं, जिसमें अपील की है कि 10 रुपये के सिक्के बेझिझक लें। ये सिक्के रुपये के चिन्ह के साथ और उसके बिना दोनों तरह से वैध हैं। एसबीआइ मुख्य शाखा के चीफ मैनेजर अजीत कुमार का कहना है कि सिक्कों को लेकर फैली अफवाह नोटबंदी के बाद से शुरू हुई थी, जबकि ऐसी कोई बात नहीं है। इसकी वजह मार्केट में सिक्कों की कमी जानी जा रही है। इसके चलते रिजर्व बैंक ने सभी बैंकों को सर्कुलर जारी किए हैं, जिसमें कहा है कि ग्राहक को पेमेंट देते समय नोटों के साथ सिक्के भी दें, जिससे सिक्कों की मार्केट में चल रही कमी दूर हो सके। ग्राहक सिक्के लेना नहीं चाहते हैं और इसी कारण हंगामे की स्थिति आती है। सर्कुलर में ग्राहकों द्वारा जमा किए जाने वाली पेमेंट में भी बैंकों को एक बार में एक हजार रुपये के सिक्के लेने के भी आदेश हैं। उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष संदीप अग्रवाल सोनी का कहना है कि सिक्कों को लेकर बैंकों में पक्षपात किया जाता है। बैंक अपनी ओर से तो सिक्के देता है, लेकिन जब व्यापारी पैसे जमा करने जाता है तो सिक्के लेने से मना कर देता है। तब दिक्कत होती है।