अंधविश्वास के चक्कर में युवक की फंस गई जान
बरस गांव के बालवीरन मंदिर में उन्नाव से एक परिवार आया था टोटका करने
रायबरेली : बिना सिर और पूंछवाली कहानियां कैसे अंधविश्वास को मान्यता देती हैं। इसका प्रत्यक्ष प्रमाण मंगलवार को बरस गांव के बालवीरन मंदिर में देखने को मिला। जब उन्नाव जिले का एक परिवार दकियानूशी विचारों के साथ आ पहुंचा कि इस मंदिर में बने एक पत्थर के छेद से सत्य और झूठ का पर्दाफास होता है। परिवार में ही दो लोगों पर चोरी का संदेह था। सत्यापन शुरू हुआ तो दुबला पतला युवक छेद से एक निकल गया, जबकि दूसरा शरीर भारी होने के कारण फंस गया। इसके बाद तो लोकभ्रांति का खुलासा हो गया। फिर जान बचाने की नियत से सबलोग उस पत्थर को तोड़ने में लग गए। कामयाबी न मिली तो पुलिस बुलानी पड़ी।
सुबह करीब नौ बजे उन्नाव जिले के मौरावां थाना क्षेत्र के अकोहरी गांव निवासी लक्ष्मीशंकर पारिवारिक चोरी के एक विवाद में बालवीरन मंदिर पूरे परिवार सहित आया था। फिर एक-दूसरे को दिए गए वचन के अनुसार उसका एक भाई मंदिर में बने पत्थर के एक छेद से सशरीर निकल गया। लक्ष्मीशंकर जब यही प्रक्रिया करने छेद में घुसा तो उसका शरीर भारी होने के नाते बीचोबीच में फंस गया। फिर उसके निकालने के खूब प्रयास हुए। बात न बनी तो शाम को पुलिस बुलानी पड़ी। एडीएम राम अभिलाष और एएसपी नित्यानंद राय भी मौके पर पहुंचे। पत्थर का कुछ हिस्सा तोड़कर युवक को बाहर निकाला गया। एएसपी नित्यानंद राय ने बताया कि पारिवारिक चोरी के विवाद के चलते उन्नाव से कुछ लोग यहां आए थे। पत्थर के छेद वाला कुछ हिस्सा तोड़कर युवक को सकुशल निकालकर घर भेज दिया गया है।