सांसद व विधायकों को कामकाज की ट्रेनिंग देना जरूरी : राम नाईक
दो अक्टूबर को पंडित हरिकृष्ण अवस्थी संसदीय अध्ययन केंद्र का होगा शिलान्यास, पूर्व मंत्री लालजी को किया गया सम्मानित
लखनऊ (जागरण संवाददाता)। लोकसभा व विधानसभा सदस्यों को काम करने की ट्रेनिंग देना जरूरी है। यह विचार राज्यपाल राम नाईक ने व्यक्त किए। वह शुक्रवार को लखनऊ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति पंडित हरिकृष्ण अवस्थी की 101वीं जयंती के मौके पर आयोजित कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि छात्रसंघ अध्यक्ष, प्रोफेसर और कुलपति होने के साथ-साथ वह 36 साल विधान परिषद में सदस्य भी रहे। संसदीय इतिहास में ऐसा व्यक्तित्व पूरे ¨हदुस्तान में नहीं मिलेगा। कुलपति रहते हुए उन्होंने वेतन नहीं लिया और उससे लविवि में सभागार बनवाया गया है। उन्होंने कहा कि हरिकृष्ण अवस्थी संसदीय अध्ययन केंद्र के भवन का शिलान्यास दो अक्टूबर को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर किया जाए तो सबसे अच्छा होगा। इसके निर्माण में हर संभव मदद का भी उन्होंने आश्वासन दिया। उन्होंने कार्यक्रम में पूर्व सांसद लालजी टंडन को पंडित हरिकृष्ण अवस्थी विधायिका सम्मान से विभूषित किया। कार्यक्रम में पूर्व सांसद लालजी टंडन ने कहा कि मैं उनका लविवि में शिष्य रहा हूं। विधान परिषद में वह पूरी बेबाकी के साथ अपने विरोधियों का विरोध करते थे तो अच्छा काम करने पर खुलकर प्रसंशा करने में भी पीछे नहीं रहते थे। विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि स्व. हरिकृष्ण अवस्थी जी के नाम पर खुल रहे संसदीय अध्ययन केंद्र में विधायकों को ट्रेनिंग दी जाए। यह आज की सबसे बड़ी जरूरत है। पूर्व मंत्री डॉ. अम्मार रिजवी ने कहा कि पंडित हरिकृष्ण अवस्थी अन्याय बर्दाश्त नहीं करते थे। आज जन प्रतिनिधियों की कथनी और करनी में फर्क हो गया है। पढ़ना-लिखना भी वह भूल चुके हैं, ऐसे में यह अध्ययन केंद्र महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। कार्यक्रम में पंडित हरिकृष्ण अवस्थी संस्थान की अध्यक्ष डॉ. आभा अवस्थी ने कहा कि वह राज्यपाल राम नाईक द्वारा तय की गई तिथि पर अध्ययन केंद्र का शिलान्यास करवाएंगे। प्रसिद्ध रंगकर्मी सूर्य मोहन कुलश्रेष्ठ द्वारा निर्देशित नाटक भग्वद्ज्जुकीयम का मंचन भी किया गया। समय पर काम न होने से बढ़ती है कई गुना लागत
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि जब कोई परियोजना समय पर पूरी नहीं होती तो कई गुना लागत बढ़ जाती है। बन सागर डैम का शिलान्यास 1977 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरार जी देसाई ने किया था लेकिन इसका उद्घाटन पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते दिनों किया। पहले इसकी लागत 320 करोड़ रुपये थी। निर्माण में देरी की वजह से इसकी कीमत 3420 करोड़ रुपये हो गई।