ट्रक की टक्कर से महिला की मौत, देवरानी जख्मी
संसू, खीरों (रायबरेली): खीरों-अतरहर मार्ग पर मंगलवार सुबह एक बाइक सवार ने दूसरी बाइक
संसू, खीरों (रायबरेली): खीरों-अतरहर मार्ग पर मंगलवार सुबह एक बाइक सवार ने दूसरी बाइक में पीछे से टक्कर मार दी। इससे आगे चल रही बाइक अनियंत्रित होकर सड़क पर गिर गई। इसी बीच पास से गुजर रहे ट्रक की चपेट में बाइक सवार महिला आ गई, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गई। हादसे में महिला की देवरानी भी गंभीर रूप से घायल हो गई। दुर्घटना की मुख्य वजह नियमों की अनदेखी रही, क्योंकि बाइक पर दो बच्चों समेत पांच लोग सवार थे।
क्षेत्र के नयातारा मजरे जेरी निवासिनी गीता (25) का पति बबलू दिल्ली में प्राइवेट नौकरी करता है। गीता गांव में रहकर अपनी दो पुत्रियों आकांक्षी (4), अंशिका (2) व पुत्र अंश (4 माह) की देखरेख करती थी। मंगलवार को गीता अपने पुत्र अंश, देवर राजू और देवरानी प्रियंका, भतीजी साक्षी (8 माह) के साथ बाइक से गैस एजेंसी लालपुर, खीरों नया गैस कनेक्शन लेने जा रही थी। जैसे ही उनकी बाइक कस्बा खीरों में ज्वैलर्स शॉप के सामने पहुंची, उसी वक्त सामने से मौरंग लादकर खीरों से अतरहर की तरफ ट्रक जा रहा था। ट्रक को ओवरटेक करते वक्त तेज रफ्तार बाइक सवार पीछे से आ गया और राजू की बाइक में टक्कर मार दी। इससे बाइक अनियंत्रित होकर गिर गई। गीता ट्रक के पहिये के नीचे आ गई और उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। हादसे में गीता की देवरानी प्रियंका को भी गंभीर चोटें आई हैं। जबकि, देवर राजू तथा दोनों मासूम बच्चे अंश और साक्षी बाल-बाल बच गए। घायल प्रियंका को गंभीर हालत में सीएचसी लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। घटना की सूचना मिलने पर गीता के ससुर राम नरेश, सास भिखाना, जेठ राजकुमार, पुत्री आकांक्षी व अंशिका सहित परिवार के सभी सदस्यों का रो-रोकर बुरा हाल है। राम नरेश की तहरीर पर पुलिस ने बाइक चालक व ट्रक चालक के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। दोनों आरोपित अपने वाहन घटनास्थल पर छोड़कर फरार हो गए हैं। नियमों की अनदेखी बनी बवाले जान
गीता मंगलवार को नया गैस कनेक्शन लेने के लिए घर से निकली थी। बाइक उसका देवर राजू चला रहा था। गीता की गोद में उसका बेटा, जबकि देवरानी की गोद में उसकी बेटी साक्षी थी। एक ही बाइक पर पांच लोग सवार थे। जब पीछे से बाइक में टक्कर लगी तो राजू अपनी गाड़ी संभाल न सका। अगर बाइक पर सीमित लोग होते तो शायद हादसा न होता। नियमों की अनदेखी के चलते गीता को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा।