एक सप्ताह में ईपीएफ जमा करने की चेतावनी
कार्रवाई का दिखा भय तो दौड़ा आया एक फर्म संचालक दूसरे ने साधी चुप्पी
रायबरेली : आउट सोर्सिंग कर्मियों के हिस्से को दबाए बैठे फर्म संचालकों के खिलाफ जागरण का अभियान रंग लाने लगा है। प्रकरण में पालिका अफसरों पर आंच आने लगी तो फर्म संचालक पर दबाव बनाया गया। मामले में एक फर्म संचालक पालिका दफ्तर पहुंचकर एक सप्ताह में ईपीएफ के बकाया धनराशि को जमा कराने की बात कही। वहीं दूसरे फर्म संचालक ने अभी तक चुप्पी साध रखी है।
गौरतलब है कि नगर पालिका परिषद में आउट सोर्सिंग कर्मियों की जिम्मेदारी वर्तमान में तीन फर्म को है। इसमें दो फर्म द्वारा ईपीएफ जमा करने में आनाकानी की जा रही है। करीब डेढ़ साल से ईपीएफ की फूटी कौड़ी भी नहीं जमा की गई। इस दौरान बकाया लाखों में पहुंच गया। जागरण ने इसकी पोल खोली तो पालिका अफसरों के होश उड़ गए। आनन-फानन में दोनों फर्म संचालकों को नोटिस थमा दिया गया। इस पर जागरण ने पूर्व की नोटिसों पर पालिका द्वारा चुप्पी साधने का हवाला दिया गया। खुद को फंसता देख अफसरों ने फर्म संचालकों पर दबाव बनाया। इस पर सबसे अधिक बकायेदार फर्म संचालक ने दफ्तर पहुंचकर बैंक में कुछ दिक्कतों का हवाला दिया। साथ ही एक सप्ताह में ईपीएफ जमा कराने का भरोसा दिया। वहीं इस प्रकरण में फंसे दूसरे फर्म द्वारा अभी तक कोई कदम नहीं उठाया गया। ऐसे में पालिका अफसरों की कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। हालांकि ईओ बाल मुकुंद मिश्र का कहना है कि न्यू एशिया कंस्ट्रक्शन कंपनी मुंशीगंज के संचालक ने दफ्तर में मुलाकात की है। उन्होंने कुछ बैंक की अड़चनों का हवाला दिया है। इस पर एलडीएम से वार्ता की गई। सप्ताह भर में बकाया धनराशि जमा करने का भरोसा दिया गया है। दूसरे फर्म को भी नोटिस दी गई है। जवाब आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।