स्वयं सहायता समूहों का भुगतान न करने पर 11 एडीओ पंचायत को चेतावनी
रायबरेली : गांवों में बने सामुदायिक शौचालयों की देखरेख करने वाले स्वयं सहायता समूहों के भुगतान में हीलाहवाली बरती जा रही है। विभागीय लापरवाही के कारण समूहों का इस काम से मोहभंग हो रहा है। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी ने 11 ब्लाकों के सहायक विकास अधिकारी पंचायत को कड़ी चेतावनी दी है।
जिला पंचायत राज अधिकारी गिरीश चंद्र ने गुरुवार को विकास भवन स्थित अपने कार्यालय में समीक्षा बैठक की। इसमें सभी ब्लाकों के सहायक विकास अधिकारियों पंचायत को बुलाया गया था। डीपीआरओ ने स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 की प्रगति के साथ ही गांवों में बने सामुदायिक शौचालयों की देखरेख करने वाले स्वयं सहायता समूहों के भुगतान की समीक्षा भी की। इसमें बछरावां, ऊंचाहार, महराजगंज, दीनशाह गौरा, जगतपुर, अमावां, रोहनियां, छतोह, लालगंज, हरचंदपुर, खीरों में प्रगति काफी खराब मिली। इस पर डीपीआरओ खासा नाराज हुए। संबंधित एडीओ को खूब खरीखोटी सुनाई। साथ ही भुगतान में तेजी लाने के निर्देश दिए। आदेश की अवहेलना पर विभागीय कार्रवाई की चेतावनी दी।
10 ब्लाकों के एडीओ और खंड प्रेरकों को नोटिस
स्वच्छ भारत मिशन फेज-2 के तहत तरल अपशिष्ट प्रबंधन और ठोस तरल अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था वाले गांवों को एक्सपारिंग की श्रेणी में रखा जाना था। इनका ब्योरा भारत सरकार की वेबसाइट में फीड करना था। 1557 राजस्वों का लक्ष्य है, जबकि अब तक 417 गांवों की फीडिंग हुई है। इस पर सरेनी, ऊंचाहार, अमावां, हरचंदपुर, सलोन, डलमऊ, राही, महराजगंज, दीनशाह गौरा, बछरावां के एडीओ पंचायत और खंड प्रेरक को चेतावनी दी गई है।