बिजली की आंख मिचौली से परेशान हजारों उपभोक्ता
खीरों में सीएचसी की स्वास्थ्य सुविधाओं को भी प्रभावित कर रही पावर कॉरपोरेशन की ध्वस्त व्यवस्था
रायबरेली : विकास क्षेत्र के बिजली उपकेन्द्र खीरों व सेमरी से की जा रही अघोषित कटौती और बिजली की आंख मिचौली से उपभोक्ता त्रस्त हैं। सरकारी कामकाज के साथ ही खेती किसानी भी प्रभावित हो रही है। सीएचसी में आने वाले मरीजों के साथ ही प्रसूताओं को सबसे ज्यादा दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। बिजली विभाग के खिलाफ क्षेत्र के लोगों में आक्रोश व्याप्त है। रामराज, शिव शंकर, फरीद खान, जावेद अहमद, हरि शंकर आदि किसानों ने बताया कि महज छह से आठ घंटे बिजली मिलती है। धान की रोपाई हो चुकी है। अब उसे सिचाई की जरूरत है, लेकिन बिजली ही नहीं मिल पा रही। इसी के कारण तमाम किसान अभी रोपाई ही नहीं कर सके हैं। उपकेंद्र पर संपर्क करो तो कभी ओवरलोडिग तो कभी लोकल फाल्ट की बात कहकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। इसी तरह व्यापारी व अन्य उपभोक्ता भी त्रस्त हैं। सीएचसी प्रभारी डॉ. भावेश सिंह ने बताया कि बिजली की अघोषित कटौती व ट्रिपिग के कारण मरीजों व प्रसूताओं को परेशानी हो रही है। कोल्ड चेन न प्रभावित हो, इसलिए जनरेटर का सहारा लिया जा रहा है। वहीं थाना प्रभारी राजेश सिंह ने बताया कि बिजली की समस्या के कारण थाने में भी कामकाज प्रभावित हो रहा है। कुछ इसी तरह बैंकों, ब्लॉक मुख्यालय व अन्य सरकारी कार्यालयों में ध्वस्त बिजली आपूर्ति अफसरों व कर्मचारियों की समस्या बनी हुई है।
एक साथ सारे फीडर चलाना संभव नहीं
बिजली विभाग के अवर अभियंता रामनाथ ने बताया कि ओवर लोडिग के कारण चक्रीय क्रम में फीडर चलाकर उपभोक्ताओं को आपूर्ति दी जा रही है। एक साथ सभी फीडर चलाना संभव नहीं है। लाइनों में खराबी आने पर उसे ठीक करने के लिए फीडर को बन्द करना पड़ता है। उपभोक्ताओं को ज्यादा से ज्यादा आपूर्ति देने का प्रयास किया जा रहा है।