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हर-हर गंगे से गूंजे घाट, श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

रायबरेली : भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को डलमऊ के विभिन्न गंगा घाटों पर हजारों

By JagranEdited By: Published: Wed, 26 Sep 2018 12:02 AM (IST)Updated: Wed, 26 Sep 2018 12:02 AM (IST)
हर-हर गंगे से गूंजे घाट, श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
हर-हर गंगे से गूंजे घाट, श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी

रायबरेली : भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर बुधवार को डलमऊ के विभिन्न गंगा घाटों पर हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाकर भगवान भाष्कर को अ‌र्घ्य दिया। गंगा स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा तट पर स्थित विभिन्न देवी-देवताओं के मंदिरों में पूजन अर्चन कर अपने तीर्थ पुरोहितों को यथा शक्ति ²व्यदान, वस्त्रदान व अन्न दान देकर उन्नति की कामना की।

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डलमऊ बड़ा मठ के महामंडलेश्वर स्वामी देवेंद्रानंद गिरि ने भादौ माह की पूर्णिमा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस पूर्णिमा के अवसर पर गंगा स्नान कर दान देने व गरीबों को भोजन कराने से साधक को अभीष्ट पुण्य की प्राप्ति होती है।

गंगा स्नान कर दिया पितरों को जल

भाद्रपद पूर्णिमा के अवसर पर लोगों ने डलमऊ के विभिन्न गंगा घाटों पर स्नान कर पितरों को जल अर्पित किया। पूर्णिमा से अमावस्या तक चलने वाले पितृ पक्ष में प्रतिदिन सुबह लोग अपने पितरों को जल अर्पित कर मृत्यु की तिथि पर श्राद्ध करते हैं। मान्यता है कि पितृ पक्ष में पितरों की आत्मा पृथ्वी पर निवास करती हैं। पितृपक्ष में पितरों को जल व उनका श्राद्ध करने से उनकी आत्मा प्रसन्न होती है जिससे घर में सुख समृद्धि का वास होता है।

जाम से जूझते रहे श्रद्धालु

पूर्णिमा के अवसर पर डलमऊ में गंगा स्नान करने आए श्रद्धालुओं को सड़कों तक फैले अतिक्रमण के कारण जाम से जूझना पड़ा। जाम की सूचना मिलते ही मौके तक पहुंची डलमऊ पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद लोगों को जाम से मुक्त कराया। स्थानीय प्रशासन की लापरवाही के कारण डलमऊ के मुराई बाग कस्बे के सभी मार्गों में प्रतिमाह पूर्णिमा व अन्य स्नान पर्वों पर लोग जाम के झाम से जूझते हैं लेकिन इस जाम से लोगों को निजात दिलाने के लिए स्थानीय प्रशासन के पास कोई स्थाई योजना नहीं है।


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