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छात्र कम तो कहीं शिक्षण गुणवत्ता खराब

रायबरेली : परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता परखने के लिए डीएम ने जिला स्तरीय अधिकारि

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Feb 2019 12:08 AM (IST)Updated: Fri, 01 Feb 2019 12:08 AM (IST)
छात्र कम तो कहीं शिक्षण गुणवत्ता खराब
छात्र कम तो कहीं शिक्षण गुणवत्ता खराब

रायबरेली : परिषदीय विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता परखने के लिए डीएम ने जिला स्तरीय अधिकारियों की टीम बनाकर जांच कराई। इस दौरान दो दर्जन से अधिक प्राथमिक और उच्च प्राथमिक विद्यालयों की जांच हुई। इसमें कई विद्यालयों में छात्र संख्या 50 प्रतिशत से भी कम मिली। शिक्षण गुणवत्ता भी खराब मिली।

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जिलाधिकारी संजय कुमार खत्री ने गुरुवार को सुबह जिला स्तरीय अधिकारी को बुलाकर टीम बनाई। इस दौरान विभागों के मुखिया को जिम्मेदारी सौंपते हुए उच्च प्राथमिक और प्राथमिक विद्यालयों की जांच करने के निर्देश दिए। गुपचुप तरीके से कराई गई जांच से शिक्षकों में हड़कंप मच गया। इसमें दो दर्जन से अधिक विद्यालयों का अफसरों ने निरीक्षण किया। नाम न छापने के शर्त पर एक अधिकारी ने बताया कि जांच पूरी तरह से गोपनीय है। नौ ब्लॉक के 27 विद्यालय शामिल है। जांच आख्या डीएम को सौंपी जाएगी। उधर, बीएसए पीएन ¨सह ने बताया कि ऐसी किसी जांच की जानकारी नहीं है।

प्रधानाध्यापक का रोका वेतन

अमावां खंड शिक्षा अधिकारी वीरेंद्र कनौजिया ने प्राथमिक विद्यालय मुजफ्फरपुर और पूर्व माध्यमिक विद्यालय ताजपुर का निरीक्षण किया। मुजफ्फरपुर में पंजीकृत 50 छात्रों के सापेक्ष 25 ही उपस्थित मिले। ताजपुर में 103 छात्रों के सापेक्ष 43 ही मौजूद मिले। इस पर प्रधानाध्यापक कालीशरण शुक्ला का वेतन रोक दिया।


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