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बाबू की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे गुरुजी

आगरा विश्वविद्यालय का फर्जी प्रमाणपत्र के आरोप में शिक्षकों का रोका वेतन बछरावां बीईओ ने मानव संपदा में फीडिग के दौरान गलती का दिया हवाला

By JagranEdited By: Published: Tue, 07 Jul 2020 10:52 PM (IST)Updated: Tue, 07 Jul 2020 10:52 PM (IST)
बाबू की लापरवाही का खामियाजा भुगत रहे गुरुजी

रायबरेली : हर विभाग में बाबूओं की भूमिका सबसे बड़ी होती है। आला अफसर हों या फिर कर्मचारी सबका लेखा जोखा इन्हीं के पास होता है। ऐसे में थोड़ी सी चूक किसी को भी मुसीबत में डाल सकती है। कुछ ऐसा ही शिक्षा विभाग में चल रहा है। चार शिक्षकों का वेतन इसलिए रोक दिया गया कि आगरा विश्वविद्यालय से लगे प्रमाणपत्र फर्जी हैं। इसका नोटिस मिला तो होश उड़ गए। दो शिक्षिकाओं ने विरोध किया। आरोपों का जवाब देते हुए गलत बताया। हालांकि विभाग ने उनके प्रमाणपत्र सत्यापन के लिए जमा करा लिए हैं। साथ ही जांच आख्या के बाद वेतन बहाली की बात कही जा रही है।

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उधर, बछरावां बीईओ पद्मशेखर ने उच्च प्राथमिक विद्यालय कुंडौली में तैनात शिक्षिका अर्चना के बाबत रिपोर्ट भी बीएसए को भेज दी है। इसमें उन्होंने बताया कि इनके समस्त शैक्षिक अभिलेख कानपुर विश्वविद्यालय के हैं। संभवत: मानव संपदा पोर्टल पर पूर्व कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा त्रुटिपूर्ण आगरा यूनिवर्सिटी अंकित कर दिया गया होगा। जिसके कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई। गौरतलब है कि इससे पहले जगतपुर ब्लॉक क्षेत्र के उंडवा में तैनात शिक्षिका रेनू सिंह ने कार्रवाई को गलत बताया था। उन्होंने आगरा के बजाये कानपुर विश्वविद्यालय के शैक्षिक अभिलेख होने की बात कही थी। उधर, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी आनंद प्रकाश शर्मा का कहना है कि सभी के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच कराई जाएगी। सही मिलने पर वेतन बहाल कर दिया जाएगा।


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