निर्वाचन और कोविड ड्यूटी में छह सौ शिक्षक, कैसे पढ़े नौनिहाल
- सीडीओ ने 574 प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापकों को सत्यापन की सौंपी जिम्मेदारी
रायबरेली : सरकारी स्कूलों में बच्चों को बेहतर व्यवस्था दिलाने को लेकर सरकार भले ही प्रयासरत हो, लेकिन जिम्मेदार तनिक भी फिक्रमंद नहीं हैं। कोरोना महामारी के दौरान विद्यालय बंद होने से चौपट शिक्षण व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए विभाग की ओर से उपचारात्मक शिक्षा देने की तैयारी चल रही है। वहीं दूसरी ओर निर्वाचन और कोविड जैसे कार्यों में शिक्षकों को लगाया जा रहा है। इसका खामियाजा नौनिहालों को भुगतना पड़ रहा है। कोर्स अधूरा पड़ा है। अभिभावक भी संतुष्ट नहीं है। वहीं जिम्मेदार व्यवस्था को सुधारने के बजाये बिगाड़ने में लगे हुए हैं।
जिले में 2298 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और कंपोजिट विद्यालय हैं। यहां पर 2.92 लाख छात्र-छात्राएं पंजीकृत हैं। इसके सापेक्ष शिक्षकों की संख्या काफी कम है। इसके बावजूद शिक्षकों की ड्यूटी दूसरे कार्यों में लगा दी जा रही है। वर्तमान में निर्वाचन से जुडे स्वीप के साथ ही कोविड कंट्रोल रूम में शिक्षकों को संबंद्ध किया गया है। वहीं अब टीकाकरण कराने वालों के सत्यापन और फीडिग में 574 प्रधानाध्यापक और सहायक अध्यापकों को जिम्मेदारी सौंप दी गई है। इसका प्रभाव कहीं न कहीं बच्चों की पढ़ाई पर पड़ना तय है।
सेटिग-गेटिग में माहिर गुरुजी कर रहे मौज
कई शिक्षक तो सेटिग-गेटिग में इतने माहिर हो गए हैं कि वर्षों से विद्यालय से दूर हैं। बीच में उपस्थिति के नाम पर कभी-कभार पहुंचकर खानापूरी कर लेते हैं। कोविड कंटोल रूम, स्वीप और सत्यापन जैसे कार्यों के बहाने मुख्यालय पर ही बने हुए हैं। अच्छी पकड़ के चलते विभाग के जिम्मेदार भी कार्रवाई करने से कतरा रहे हैं। इससे जहां बच्चों के भविष्य पर प्रभाव पड़ रहा है।
सौतेले व्यवहार से आहत, कार्रवाई का रहता भय
मजबूत पकड़ का फायदा कुछ शिक्षक उठाकर मूल कार्य से दूर हैं। वहीं दूसरी ओर ऐसे भी शिक्षक है, जो सरकार की योजनाओं को पटरी पर लाने के लिए पूरे समय जूझते रहते हैं। बच्चों को पढ़ाने के साथ ही एमडीएम, डीबीटी फीडिग, पोर्टल से जुड़े कार्य आदि में ही व्यस्त रहते हैं। विभाग द्वारा अपनाए जा रहे दोहरे मापदंड से शिक्षकों का एक तबगा भी आहत है।
बीएसए के स्तर से कार्ययोजना बनाई गई है। कहीं किसी विद्यालय में शिक्षक कम है अथवा कोई शिक्षक प्रशिक्षण में हिस्सा ले रहा है तो उनकी ड्यूटी नहीं लगाने को कहा गया है। कहीं पर कोई शिक्षा प्रभावित न हो इसका विशेष ख्याल रखने के निर्देश दिए गए हैं। प्रभाष कुमार, मुख्य विकास अधिकारी