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जायज तरीके से कमाने वाला बंदा अल्लाह का प्यारा

जासं, रायबरेली : एदारा-ए-शरैया की ओर से जश्न आमद-ए-मुस्तफा का छठवां जलसा गुरुवार रात मु

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 06:02 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 06:02 PM (IST)
जायज तरीके से कमाने वाला बंदा अल्लाह का प्यारा
जायज तरीके से कमाने वाला बंदा अल्लाह का प्यारा

जासं, रायबरेली : एदारा-ए-शरैया की ओर से जश्न आमद-ए-मुस्तफा का छठवां जलसा गुरुवार रात मुंशीगंज में आयोजित हुआ। इसकी शुरुआत कुरान पाक की तिलावत से हुई। इस दौरान देर रात तक लोगों का जमावड़ा लगा रहा।

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मुख्य वक्ता मौलाना इश्तियाक अहमद अशरफी ने प्यारे नबी की पैदाइश का वर्णन किया। कहा कि उस जमाने में पूरी दुनिया में लोग अशिक्षा एवं अज्ञानता में डूबे हुए थे। मानवता एवं हमदर्दी से कोसों दूर थे। ऐसे गुमराही के बदतरीन समाज को आदर्श समाज में बदलने का काम मेरे नबी ने इस्लाम धर्म के माध्यम से किया। शराब से इंसान अच्छे व गलत का फर्क भूल जाता है। जुए को इस्लाम में हराम करार दिया है। इससे इंसान आर्थिक रूप से बर्बाद हो जाता है। साथ ही घर की बरकत चली जाती है। मेरे नबी ने फरमाया है कि इंसान जात-पात की बुनियाद पर बड़ा नहीं होता है, बल्कि नेक काम की बुनियाद पर अल्लाह के नजदीक बड़ा होता है। जायज तरीके से कमाकर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण करने वाला अल्लाह का प्यारा बंदा होता है। सलातो सलाम व दुआ पर जलसे का समापन हुआ। इस अवसर पर मौलाना मो. नासिर खां, मो. हयात, मौलाना खलील अहमद कादरी, मौलाना राहत हुसैन मिसबाही, मुफ्ती कमालुद्दीन, हाफिज फरीद अहमद अशरफी, मौलाना मंसूर अहमद, हाफिज नूर मोहम्मद आदि मौजूद रहे।


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