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ट्रेन में विवाद के बाद दंपती का झांसी से लखनऊ तक किया पीछा

रायबरेली : छठ पर्व मनाने को गोवा से अपने गृह जनपद गोरखपुर के लिए निकले दंपती के साथ झांसी

By JagranEdited By: Published: Tue, 13 Nov 2018 01:05 AM (IST)Updated: Tue, 13 Nov 2018 01:05 AM (IST)
ट्रेन में विवाद के बाद दंपती का झांसी से लखनऊ तक किया पीछा
ट्रेन में विवाद के बाद दंपती का झांसी से लखनऊ तक किया पीछा

रायबरेली : छठ पर्व मनाने को गोवा से अपने गृह जनपद गोरखपुर के लिए निकले दंपती के साथ झांसी में ट्रेन की सीट को लेकर विवाद हो गया। बात इतनी बढ़ी कि एक शख्स उनके पीछे पड़ गया। डरे सहमे पति-पत्नी ने वह ट्रेन छोड़ कानपुर की पैसेंजर पकड़ ली लेकिन दबंग दंपती के पीछे लग गए। पीड़ित अपनी मासूम बच्ची के साथ छिपते-बचते रायबरेली पहुंचे। यहां से उन्होंने पुलिस और परिवारीजनों को सूचना दी।

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मूलरूप से महराजगंज जनपद के अटकरवा घाट, पनियरा निवासी लोरिक निषाद गोवा में नौकरी करते हैं। वह नौ नवंबर को पत्नी अनीता और बेटी (5) के साथ गोरखपुर जाने को वास्कोडिगामा ट्रेन में बैठे। अनीता का मायका गोरखपुर में है। स्लिपर कोच में वे¨टग का टिकट था। अनीता टीटी की सीट पर बैठी थी। दस नवंबर की रात आठ बजे ट्रेन झांसी पहुंची। तभी उस कोच में सफर कर रहा एक शख्स सीट के लिए लोरिक और अनीता से उलझ गया। उसने काल करके साथियों को ट्रेन में बुला लिया। सभी मिलकर दोनों को डराने-धमकाने लगे। जिस पर लोरिक और अनीता ट्रेन से उतर गए। दोनों को वाया लखनऊ गोरखपुर जाना था। प्लेटफार्म पर ही दोनों झांसी-कानपुर-लखनऊ पैसेंजर का इंतजार करने लगे। सुबह तीन बजे ट्रेन मिली। दंपती अपनी बच्ची के साथ ट्रेन पर बैठे ही थे कि हमलावर फिर वहां आ गए और लोरिक को जानमाल की धमकी देने लगे।

कानपुर तक सरहंग उनका मानसिक उत्पीड़न करते रहे। वह किसी तरह रेलवे स्टेशन से बस स्टेशन पहुंचे और लखनऊ की बस पकड़ ली। रविवार रात तीनों लखनऊ पहुंचे। दहशतजदा होने के कारण तीनों स्टेशन के पास ही छुप गए। सुबह चेहरा ढक कर बस स्टेशन आए और चलती बस में चढ गए। जो रायबरेली की थी। यहां बस स्टेशन पर उतरने के बाद लोरिक ने नजदीकी पुलिस सेंटर पहुंचा फिर कोतवाली गए। उसके बाद घरवालों को सही लोकेशन बतायी और उनके आने का इंतजार करने लगे।

कोतवाल बोले,

ट्रेन में इनके साथ झगड़ा हुआ था, ऐसी इन्होंने सूचना दी है। कोई शिकायती पत्र नहीं मिला है। इनके परिवारीजन इन्हें लेने आ रहे हैं। ये लोग उन्हीं के साथ जाएंगे।

एके ¨सह परिहार, शहर कोतवाल


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