मां-बेटी में स्वाइन फ्लू पॉजीटिव मिलने से हड़कंप
रायबरेली मंगलवार सुबह एसजीपीजीआइ लखनऊ से दो मरीजों की स्वाइन फ्लू की पॉजीटिव रिपोर्ट अ
रायबरेली : मंगलवार सुबह एसजीपीजीआइ, लखनऊ से दो मरीजों की स्वाइन फ्लू की पॉजीटिव रिपोर्ट आने से स्वास्थ्य महकमे में हड़कंप मच गया। तुरंत ही रैपिड रिस्पांस टीम उनके घर भेजी गई।
रैपिड रिस्पांस टीम के दक्षिणी जहानाबाद निवासी रवि अग्रवाल के घर पहुंची। उनकी पत्नी अंजुल अग्रवाल और बेटी पावनी अग्रवाल स्वाइन फ्लू से पीड़ित मिले। अंजुल 15 फरवरी और पावनी 21 फरवरी से सर्दी, जुकाम से पीड़ित थे। 22 फरवरी को मां-बेटी इलाज के लिए आलमबाग में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. भवनानी के पास पहुंचे। चिकित्सक ने मां-बेटी दोनों को जांच कराने के लिए एसजीपीजीआइ भेज दिया। मंगलवार सुबह दोनों में स्वाइन फ्लू पॉजीटिव मिलने की सूचना विभाग को मिली। जिसके बाद टीम को उनके घर भेजा गया। दोनों मरीज अपने आवास पर मिले। उन्हें दवाएं दी गई। इसके अलावा आसपास के 50 मकानों में सर्वे कराया गया। गनीमत रही कि और कोई शख्स इस बीमारी से पीड़ित नहीं मिला। टीम में डॉ.बीरबल, डॉ. राजेंद्र वर्मा और डॉ. ऋषि बागची शामिल थे।
बीमारी के लक्षण : बुखार, खांसी, आंखें लाल हो जाना और फूल जाना, आंख, नाक, कान और मुंह से पानी आना, सांस फूलना, लगातार गले में खराश और दर्द होना, भूख न लगना, उल्टी-दस्त, जी-मचलाना इस बीमारी के लक्षण हैं।
बचाव : खांसी या छींक आने पर नाक और मुंह को कपड़े से ढक लें। बार-बार अपने हाथ की अंगुलियों को आंख, मुंह और नाक के पास न ले जाएं। हाथों को साबुन से दो मिनट तक अवश्य धोएं। स्वाइन फ्लू के संभावित मरीज से तीन से चार मीटर की दूरी बनाकर रखें। मरीज को इधर-उधर नहीं जाना चाहिए, ताकि संक्रमण न फैले। सुअर बाड़ों को आबादी से दूर रखें।
चिकित्सक बोले : डॉ.बीरबल ने बताया कि स्वाइन फ्लू बीमारी मुख्यत: सुअर में पाए जाने वाली श्वसन तंत्र की बीमारी है। जो कि इंफ्लुएंजा वायरस टाइप एच1एन1 की वजह से फैलती है।