बदली और बर्फीली हवाओं ने लौटाई सर्दी
रायबरेली : जब आने का समय था, तब सर्दी दूर रही। जाने का समय आया, तो ठंड लौट आई। मौसम की
रायबरेली : जब आने का समय था, तब सर्दी दूर रही। जाने का समय आया, तो ठंड लौट आई। मौसम की इस तुनकमिजाजी से कोई हैरान तो कोई खुश है। हां, आसमान में लुकते-छिपते बादल और काली घटाएं इस बात का इशारा जरूर करने लगीं कि ऊनी कपड़ों को अभी उतारने का वक्त नहीं है। सेहत के लिए खास सावधानी का समय है। मंगलवार को मौसम ने अचानक करवट ली। आसमान में बादल छाए रहे। तेज हवाओं के चलते से ठंड बढ़ गई।
जनवरी का आधा महीना बीत चुका है। इस बार अभी तक कड़ाके की सर्दी नहीं पड़ी है। हाल यह है कि कोहरा यदा-कदा ही तड़के पड़ा, लेकिन कुछ ही देर में छट गया। मंगलवार को अचानक मौसम ने करवट ले ली। सुबह से ही आसमान में बादल छा गए। लगातार दिन में तेज धूप निकलने के कारण दिन में लोग हल्के गर्म कपड़े ही पहनकर निकल रहे थे। मंगलवार को सुबह सर्द हवाओं के चलने से ठंड का अहसास दिला दिया। करीब 11 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से पूरे दिन हवा चली तो लोग घरों से गर्म कपड़े पहनकर निकले। पूरे दिन बादलों के बीच सूरज की लुकाछिपी चलती रही। हालांकि बारिश नहीं होने से राहत रही। इंदिरा गांधी उद्यान अकादमी के मुताबिक अधिकतम तापमान 24.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 12 डिग्री सेल्सियस रहा।
बारिश का इंतजार करते रहे किसान : इस बार अभी तक कोई खास सर्दी नहीं पड़ी है। न ही बारिश हुई है। इसका असर खेती पर भी पड़ रहा है। ठंड नहीं पड़ने से गेहूं की पैदावार कम होगी। साथ ही दाने भी पतले होंगे। किसानों की माने तो यदि बारिश हो जाती हो गेहूं समेत अन्य फसलों के लिए भी राहत होगी।
बुझ गए अलाव, अब खानापूरी
सर्दी कम होने के चलते प्रशासन की ओर से भी ढिलाई बरती जा रही है। शुरुआती दौर में सौ से अधिक स्थानों पर अलाव जलाने का दावा किया गया। वहीं अब कुछ मुख्य चौराहों पर ही लकड़ी रखी जा रही है। हालाकि कागजों पर आज भी अलाव निर्धारित स्थानों पर चल रहा है।