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अंग्रेजी हुकूमत की यातनाओं पर भी नहीं डगमगाये कदम

रायबरेली : आजादी की लड़ाई में जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में एक नाम पं.मदन मोहन मि

By JagranEdited By: Published: Sat, 19 Jan 2019 11:51 PM (IST)Updated: Sat, 19 Jan 2019 11:51 PM (IST)
अंग्रेजी हुकूमत की यातनाओं पर भी नहीं डगमगाये कदम

रायबरेली : आजादी की लड़ाई में जिले के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों में एक नाम पं.मदन मोहन मिश्र का भी शामिल है। अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ आवाज बुलंद की। यहां तक कि महात्मा गांधी के अ¨हसा के मार्ग पर चलकर अंग्रेजों का विरोध किया। गिरफ्तारी के बाद जेल में यातनाएं देने के बाद भी उनके कदम नहीं डगमगाये। एक बार फिर जिला उन्हें 20 जनवरी को पुण्यतिथि पर याद करेगा।

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जिले के बेहटा कला गांव में 16 जनवरी 1917 को पं. मदन मोहन मिश्र जन्म हुआ था। 1967 से 1974 तक सदर विधायक और 1987 से 1994 तक उत्तर प्रदेश स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष रहे। महज 15 वर्ष की आयु में 27 फरवरी 1932 को अल्फ्रेड पार्क इलाहाबाद में शहीद चंद्रशेखर आजाद दिवस मनाते हुए अंग्रेजों ने गिरफ्तार किया। इस दौरान यातनाएं भी दी। यहीं नहीं पं. जवाहरलाल नेहरू की बहन विजय लक्ष्मी पंडित की बानर सेना में सक्रिय सदस्य रहे। गाजीपुर जिले के पीपरी डीह रेलवे साजिश में उनकी गिरफ्तारी हुई। 14 जून 1938 को तीन महीने जेल में रखा गया।

यही नहीं 1940 में व्यक्तिगत सत्याग्रह में महात्मा गांधी, सरदार बल्लभ भाई पटेल के साथ विरोध किया। 1942 में करो या मरो आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। देश आजाद हुआ, तो जिले के विकास में अहम योगदान दिया।


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