रोजेदारों को भा रही खाड़ी देशों के खजूर
रायबरेली : रोजा के दौरान बाजारों में सूतफेनी, फल, सेवई और खजूर की मांग बढ़ गई है।
रायबरेली : रोजा के दौरान बाजारों में सूतफेनी, फल, सेवई और खजूर की मांग बढ़ गई है। रोजेदारों में खजूर की मांग सबसे अधिक है। जिले में खाड़ी देशों के खजूर लोगों को अधिक भा रहा है। महंगी होने के बावजूद लोग अधिक पसंद कर रहे हैं।
जिले में खाड़ी देशों के खजूर की मांग बढ़ने लगी है। इसमें ईरान, इराक, सऊदी अरब से खजूर मंगाए जा रहे हैं। इनकी कीमत भारत में मिलने वाले खजूर की अपेक्षा करीब दो से तीन गुना तक ज्यादा है। सब्जी मंडी में थोक विक्रेता रईश खां का कहना है कि वैसे तो लोग अपनी बजट के अनुसार ही खजूर खरीदते है। इस बार खाड़ी देशों से आने वाले खजूर की मांग बढ़ी है। इसमें भारत में मिलने वाले खजूर की कीमत 80 से लेकर 120 रुपये प्रति किग्रा तक की है। इसकी अपेक्षा खाड़ी देशों से आने वाले खजूर की कीमत 150 रुपये से प्रारंभ होती है, जो कि पांच हजार तक है। इसमें यूएई का फर्द खजूर 300 रुपये प्रति किग्रा की मांग सबसे अधिक है। इसी तरह दुबई के सुल्तान 240 रुपये प्रति किग्रा है। इराक का बरारी खजूर 120 रुपये प्रति किग्रा है।
दुकानदार असफाक कहते हैं कि सबसे अधिक मिठास खाड़ी देशों से आन वाले खजूर की होती है। उच्च वर्ग के लोग सबसे अधिक इसी को पसंद करते हैं। इसके अलावा बाजार में कई दामों में खजूर उपलब्ध है। लोग अपनी जेब खर्च के अनुसार ही खरीद रहे हैं।
बाजार में बढ़ रहा नकली का कारोबार
रमजान माह में बाजार में नकली खजूर का कारोबार भी काफी बढ़ गया है। भारत के खजूर को ही पै¨कग करके खाड़ी देशों का बताकर अधिक दामों में बेचा जा रहा है। ग्राहकों को रियायत देकर दो सौ रुपये प्रति किग्रा की दर से बेचा जा रहा है। अरसद, रफीक, रिजवान, फिरोज का कहना है कि ईरान और सऊदी अरब से आने वाले खजूर में मिठास अधिक रहती है। वहीं अब काफी हेराफेरी भी होने लगी है। खरीदने के दौरान ब्रांड का जरूर ध्यान दें।
ऑनलाइन भी मंगा रहे खजूर
अब दुकानों से ही नहीं बल्कि ऑनलाइन खजूर मंगाने का प्रचलन भी काफी बढ़ गया है। रोजेदारों की मानें तो दुकानों पर खजूर असली होने को लेकर संदेह रहता है। ऑनलाइन में किसी तरह के नकली होने की गुंजाइश नहीं रहती है। साथ ही बाजार के अपेक्षा सस्ती भी रहती है।