¨हदी सहज, सरल और सुगम्य भाषा
जासं, रायबरेली : जिलेभर में शुक्रवार को ¨हदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित हुए। सरकारी दफ्तर
जासं, रायबरेली : जिलेभर में शुक्रवार को ¨हदी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित हुए। सरकारी दफ्तर, संस्थाओं और विद्यालयों में गोष्ठी, तो कहीं पर वाद-विवाद, कविता गायन और पोस्टर प्रतियोगिता हुई। इस दौरान सभी ने ¨हदी को सहज, सरल और सुगम्य भाषा बताया। इस दौरान गुलाब रोड स्थित कार्यक्रम में पुस्तक विमोचन भी हुआ।
एफजी कॉलेज के ¨हदी विभाग में निराला स्मृति व्याख्यानमाला के अन्तर्गत वाद-विवाद प्रतियोगिता हुई। संयोजन डॉ. अजय ¨सह, जबकि निर्णायक डॉ. नीलांशु अग्रवाल, अमिष प्रताप ¨सह, सुभाष चंद्र ने निभाई। द्वितीय सत्र में गीतकार और हिन्दी साहित्य संस्थान उप्र से साहित्य भूषण सम्मान से सम्मानित होने वाले डॉ. ओम प्रकाश ¨सह ने दीप प्रज्जवलन तथा सरस्वती चित्र पर पुष्पार्चन कर कार्यक्रम की शुरुआत की। ¨हदी के विभागाध्यक्ष डॉ. बद्रीदत्त मिश्र, डॉ. संजय ¨सह, डॉ. आजेन्द्र ¨सह, डॉ. संतोष पांडेय, ने स्वागत और अंगवस्त्र भेंटकर सम्मानित किया। मुख्य अतिथि ने कथा लेखन में विजेता विनोद कुमार, दीपक कुमार, प्रतिभा कुमारी, सामान्य ¨हदी प्रतियोगिता में सद्दाम हुसैन, विनोद कुमार, विवेक कुशवाहा, अनूप कुमार, तृतीय स्थान प्रिया कुमारी, पोस्टर प्रतियोगिता में मधुलिका, श्रेया त्रिपाठी, रूपा यादव, वाद विवाद प्रतियोगिता पक्ष में शशांक मिश्र, प्रदीप कुमार, जयवर्धन ¨सह, अमित कुमार, विपक्ष में विनोद कुमार, दीपक कुमार ¨सह, अतुलित वाजपेयी, राघवेंद्र प्रताप ¨सह को पुरस्कृत किया गया।
महामाया प्रकाश की ओर से गुलाब रोड स्थित सभागार में ¨हदी दिवस और बाबू भारतेंदू की जयंती मनाई गई। मुख्य अतिथि कृष्णानंद अदीब ने ¨हदी की महत्ता बताई। केके पांडेय ने कहा कि ¨हदी भाषा ही नहीं संस्कृति भी है। इस अवसर पर शिवनारायण सोनी, दुर्गाशंकर दुर्गेश, रामसनेही, चंद्रप्रकाश शुक्ल, रामाश्रय यादव आदि मौजूद रहे। इनसेट
कबीर और रहीम के सुनाए दोहे
न्यू स्टैंडर्ड पब्लिक स्कूल त्रिपुला रायबरेली में ¨हदी दिवस पर संगोष्ठी आयोजित हुई। इसमें हिन्दी की वर्तमान स्थिति, इसकी दशा और दिशा पर विचार मंथन किया गया। संस्थापक शशिकांत शर्मा ने सभी कार्य ¨हदी में करने की बात कही। शिक्षक अवधेश शर्मा ने कहा कि सुचिता, सुभाषिता, सुगर्विता, मृदुता, संजोये संस्कारवान है हिन्दी। सहप्रबंधिका रश्मि शर्मा ने कहा कि ¨हदी का मूल ज्ञान इसके भावार्थ तथा उच्चारण में निहित होता है। इस अवसर पर शिवलखन प्रजापति, जोन एलिजाबेथ नेथन, अवधेश शर्मा, धर्मेंद्र शुक्ला, साधना मिश्रा, रामदेव आदि मौजूद रहे। बगहा स्थित विद्यालय परिसर में छात्र-छात्राओं ने हिन्दी साहित्य की महान विभूतियों का रूप धारण किया। छात्र अर्नव यादव ने तुलसीदास, छात्रा अंशिका शुक्ला ने महादेवी वर्मा, छात्रा रिद्धिमा अवस्थी ने सुभद्रा कुमारी चौहान बनकर अपने हिन्दी प्रेम को प्रदर्शित किया। छात्रा अदिति ¨सह और हर्षिका शुक्ला ने कबीर और रहीम के दोहे सुनाए। एनटीपीसी में ¨हदी पखवाड़ा शुरू
¨हदी देश की एकता और अस्मिता का सबसे प्रभावशाली माध्यम है। इसके महत्व को देखते हुए भारतीय संविधान में ¨हदी को संघ की राजभाषा का दर्जा दिया गया है। यह बात एनटीपीसी ऊंचाहार में ¨हदी पखवाड़े के उद्घाटन पर महाप्रबंधक भोला नाथ मिश्रा ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा की ऊंचाहार परियोजना में राजभाषा से संबंधित सभी जिम्मेदारियों को तत्परता के साथ निर्वाह किया जा रहा है। साहित्यकार डॉ. चंपा श्रीवास्तव ने राजभाषा ¨हदी की राज्यों में दशा व दिशा और संभावनाओं पर विचार व्यक्त किए। महाप्रबंधक ने समूह महाप्रबंधक का जारी ¨हदी संदेश पढ़कर सुनाया।