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पौराणिक नगरी डलमऊ में बनेगा अग्रहरि धाम

संसू, डलमऊ (रायबरेली) : ऐतिहासिक व धार्मिक नगरी डलमऊ कलम व कृपाण दोनों के इतिहास को

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Nov 2018 11:20 PM (IST)Updated: Fri, 16 Nov 2018 11:20 PM (IST)
पौराणिक नगरी डलमऊ में बनेगा अग्रहरि धाम
पौराणिक नगरी डलमऊ में बनेगा अग्रहरि धाम

संसू, डलमऊ (रायबरेली) : ऐतिहासिक व धार्मिक नगरी डलमऊ कलम व कृपाण दोनों के इतिहास को अपने आंचल में समेटे हुए है। यही नहीं, देश के विभिन्न प्रांतों में रहने वाले अग्रहरि समाज के लोग डलमऊ को अपनी जन्म भूमि के रूप में मानते हैं।

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बारहवीं सदी में मोहम्मद ने लोगों को गोरी जबरन इस्लाम धर्म कुबूल कराने का फरमान सुनाया। इससे क्षुब्ध और शासक की तानाशाही से तंग आकर वर्तमान में जनपद हिसार स्थित अग्रोहा से 96 अग्रोहावासी परिवारों ने मां गंगा के तट पर बसे डलमऊ में आकर अपना आशियाना बना लिया। यहीं, पर अपना नाम अग्रोहाहरि रख लिया। यहीं से उक्त परिवार जीविकोपार्जन के लिए विभिन्न शहरों में गए और वहीं बस गए। शीघ्र बनेगा अग्रहरि धाम

अखिल भारतीय अग्रहरि वैश्य समाज के प्रतिनिधि राजेंद्र वैश्य ने बताया कि शीघ्र ही अग्रहरि समाज की ओर से डलमऊ में अग्रहरि धाम का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए डलमऊ-फतेहपुर मार्ग के समीप महुवाहार उपकेंद्र के निकट जमीन अधिग्रहीत कर ली गई है। इसमें देश के कोने-कोने से अग्रहरि समाज के लोगों द्वारा अग्रहरि धाम के निर्माण में सहयोग मिल रहा है। अग्रहरि धाम डलमऊ आने वाले पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बने इसके लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। 18 नवंबर को भूमि पूजन

अखिल भारतीय अग्रहरि समाज के प्रतिनिधि और कार्यक्रम के संयोजक राजेंद्र वैश्य ने बताया कि 17 नवंबर को देश के कोने-कोने से अग्रहरि समाज के लोग डलमऊ आएंगे। रात्रि विश्राम के बाद 18 नवंबर को सुबह वैदिक मंत्रोच्चार के साथ अग्रहरि धाम का भूमि पूजन होगा।


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